DARBHANGA : कोरोना काल में घोषित किये गए लॉक डाउन की वजह से कई लोगों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी. जिसकी वजह से देश के कोने कोने से प्रवासी मजदूरों के बिहार आने का सिलसिला शुरू हो गया. लाखों की संख्या में प्रवासी मजदुर पैदल और साइकिल ठेला से अपने गाँव लौटने लगे. इसी मजदूरों के साथ दरभंगा की ज्योति भी साइकिल से अपने बीमार पिता को लेकर बिहार आने लगी. गुरुग्राम से तक़रीबन 1200 किलोमीटर दुरी तय कर वह बिहार पहुंची. इसके बाद अचानक वह मीडिया की सुर्खिया बन गयी.
अब ज्योति को समाज कल्याण विभाग ने भारत सरकार के नशा मुक्ति अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है. इतना ही नहीं पटना से चलकर खुद समाजिक सुरक्षा के निदेशक दरभंगा के बहादुरपुर प्रखंड के बुनियादी केंद्रपहुंच ज्योति पासवान को न सिर्फ सम्मानित किया. बल्कि ज्योति को पचास हजार की आर्थिक मदद करते हुए एक चेक भी दिया. साथ ही पढ़ाईमें मदद केलिए एक स्मार्ट फोन भी दिया. साइकिल गर्ल ज्योति के साथ आये उनके पिता मोहन पासवान को भी सम्मानित किया गया.
इस मौके पर सामाजिक सुरक्षा के निदेशक दयानिधान पांडे ने ज्योति के हिम्मत की खूब तारीफ की. साथ ही उसे भारत सरकार के नशा मुक्ति अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाने का ऐलान भी किया.उन्होंने बताया कि ज्योति की कीर्ति अब पूरे दुनिया में फैल गई है. इसलिए रील वाले हीरो की जगह रियल होरो को ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है. ज्योति युवाओं के लिए एक प्रेरणाश्रोत है.