अश्विन कृष्णा अमावस्या मंगलवार को यानि आज महालया है. मंगलवार को अमावस्या पड़ने के कारण इस बार भोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है. भोमवती अमावस्या को गंगा स्नान और दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. अमावस्या के दिन यानि नवरात्र शुरू होने से एक दिन पहले की तिथि को महालया कहते हैं. इस दिन भारत में कई जगह देवी की अधिवास करने की परम्परा है. वहीं ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में जो पितर धरती पर आते हैं, महालया अमावस्या के दिन उनका तर्पण कर धरती से विदा किया जाता है. महालया को देवी के आह्वान के बाद अगले दिन कलश स्थापना की जाएगी.
नवरात्र में बन रहा है शुभ संयोग
इस बार शारदीय नवरात्रि में कई सालों बाद शुभ संयोग बन रहे हैं. इस साल तिथि क्षय नहीं होने से नवरात्रि पूरे 9 दिन की रहेगी और इस बार मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आ रही हैं. जोकि खुशहाली का संकेत है. इस बार नवरात्रि में राजयोग, द्विपुष्कर योग, अमृत योग के साथ सर्वार्थसिद्धि और सिद्धियोग का संयोग भी बन रहा है.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
06 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
चित्रा वैधृति योग निषेध सति संभवे पालनीयो।
ननु निषेधानुरोधेन पूर्वाह्न:प्रारम्भकाल: प्रतिपत्तिथिर्वाsतिक्रमणीय:।।