नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश से पूछे सवाल, देश की नीति तय करने से पहले क्यों असफल हो गई राज्य की नीतियाँ

PATNA : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री द्वारा विपक्षी दलों की बैठक में देश की नीति तय करने के बयान पर कहा है कि पहले ये बतायें की बिहार राज्य के लिये तय की गई नीतियाँ क्यों असफल हो गई है।

सिन्हा ने कहा कि राज्य के लोग देख रहे हैं किस प्रकार एक के वाद एक नीति असफल हो रही हैं। पूर्ण शराबबंदी, सात निश्चय योजना पार्ट1 औऱ 2,जल जीवन हरियाली, जातिगत जनगणना ,स्वास्थ्य विभाग का मिशन 60, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, स्पीडी ट्रायल, कानून व्यवस्थाऔऱ शासन प्रशासन को चुस्त दुरुस्त वनाने की नीतियां ओंधे मुँह गिरकर असफल हो गई है। इन सभी योजनाओं में हजारों करोड़ ख़र्च कर दिए गये। लेकिन लोगों को कोई लाभ नहीं मिला है। भ्रष्टाचार एवं अफसरशाही के कारण राज्य के लोग परेशान हो गये हैं।

सिन्हा ने कहा कि विपक्षी एकता की कल्पना में बिहार बरबाद हो रहा है। मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री को मिलाकर लगभग आधा दर्जन मंत्री अपने अपने बिभाग के कार्य पर ध्यान नही दे पा रहे हैं। आये दिन ये बराबर राज्य के बाहर अपने स्वार्थ के मिसन पर चले जाते हैं। जिससे राज्य का काम काज पूरी तरीके से प्रभावित हो जाता है। इनके द्वारा राजकाज की उपेक्षा का दुष्प्रभाव सीधे राज्य की जनता पर पड़ता है।

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सिन्हा ने कहा कि भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता के कारण राज्य का विकास ठप हो गया है। राज्य के मुखिया इसे स्वीकार करने में असमर्थ है ।इन्हें कहीं भी जनता की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है। जनता के पैसे से अपनी राजनीतिक स्वार्थ को साधने का इनका प्रयास का परिणाम असफलता ही देने वाला है। सिन्हा ने विधान परिषद के सभापित द्वारा मुंबई में शिबसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एन सी पी प्रमुख शरद पबार से जदयू एवम मुख्यमंत्री के दूत के रूप में भेंट करने पर कहा कि वे संबैधानिक संस्था के प्रमुख हैं और दल के नेता के रूप में कार्य करने से बचना चाहिए। यह परिपाटी अच्छी नहीं है। इससे लोकतंत्र औऱ संविधान कमजोर होगा।