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गया में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने किया प्रदर्शन, कहा रबर डैम बनने से अस्तित्व खो रही फल्गु नदी

गया में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने किया प्रदर्शन, कहा रबर डैम बनने से अस्तित्व खो रही फल्गु नदी

GAYA : 235 किलोमीटर के पूरे फल्गु नदी में सिर्फ कुछ किलोमीटर में पानी रहे। इसके लिए लगभग 400 करोड़ खर्च कर नीतीश सरकार द्वारा बनवाने गए रबर डैम से पूरी फल्गु नदी अपने अस्तित्व खो रही है, जिससे गया शहर के जलस्तर में भी कमी हो रही है। आज इंडिया गठबंधन के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने फल्गु नदी के देव घाट स्थित रबर डैम के समक्ष शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर विश्व प्रसिद्ध अंत: सलिला,  गुप्त गंगा, फल्गु नदी के अस्तित्व को बचाने की गुहार लगाई।

इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पार्षद प्रतिनिधि शशि किशोर शिशु,  विष्णु पद कॉरिडोर निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष  नारायण मर्मज्ञ दीपू लाल भैया,  कॉंग्रेस पार्टी के महासचिव संतोषी पंडा दामोदर गोस्वामी, बाबूलाल प्रसादसिंह, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व महासचिव कॉंग्रेस नेता विपिन बिहारी सिन्हा, पर्यावरण संरक्षण के प्रदेश संयोजक सुरेश शर्मा, प्रो विश्वनाथ कुमार, मनीष कुमार, कुंदन कुमार, सकल देव चंद्र वंशी, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, श्रवण पासवान आदि ने कहा कि फल्गु नदी का पानी बहुत ही पवित्र माना जाता है। हिन्दू और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग फल्गु का पानी लेकर अपने घर जाते थे। लेकिन हालत यह है कि उन्हें अभी रेत लेकर जाना पड़ता है। इस नदी की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि इसमे पानी का ठहराव नहीं होता है, परंतु यह नदी ऐसी है जहां बालू रेत के करीब 25 फुट नीचे पानी का बहाव है, जिसे रबर डैम बनने से देव घाट के आगे यह बहाव बंद होने से गया शहर में पानी का लेयर भाग गया है।

नेताओं ने कहा कि रबर डैम बनने से सनातन धर्म तथा पुराणों में यह चर्चा है कि सीता माता ने दशरथ जी का पिंडदान गया में किया था। जब  भगवान राम को इस बात पर यकीन नहीं हुआ तो सीता माता ने गवाह के रूप में फल्गु नदी को सच बताने को कहा। तब फल्गु नदी मुकर गई। फिर सीता माता उन्हें क्रोधित हो कर श्राप दे दिया कि फल्गु  नदी हमेशा अंतह सलिला रहोगी। इस जिस प्राकृतिक, आध्यात्मिक,  पौराणिक सत्य को रबर डैम बनाकर फल्गु नदी के अस्तित्व को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है।

नेताओं ने कहा कि नीतीश सरकार गया में गंगाजल लाने की योजना में 4500 करोड़ खर्च कर घर,  घर गंगाजल उपलब्ध नहीं करा सकीं। ना ही 400 करोड़ खर्च कर रबर डैम बना कर फल्गु नदी में सालों भर पानी पिंडदान करने वाले को पानी उपलब्ध नहीं करा पाए। नेताओं ने कहा कि गया शहर के देवतुल्य मतदाता मालिक गंगाजल एवं फल्गु नदी में सालों पानी का मुद्दा लोकसभा चुनाव में अहम होगा।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट

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