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एक सप्ताह में मोदी सरकार ने किसानों को दिया दूसरा बड़ा तोहफा, 14 खरीफ फसलों के एमएसपी के दरों में की बढ़ोतरी

एक सप्ताह में मोदी सरकार ने किसानों को दिया दूसरा बड़ा तोहफा, 14 खरीफ फसलों के एमएसपी के दरों में की बढ़ोतरी

NEW DELHI : एक दिन पहले नरेंद्र मोदी ने साढ़े नौ करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान योजना की 17वीं किस्त जारी की थी। अब फिर से मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों के एमएसपी दरों में बढ़ोतरी कर दी है। अब धान प्रति क्विंटल के लिए किसानों को न्यूनतम 2300 रुपए मिलेंगे. पिछले बार की तुलना में यह 117 रुपए अधिक है। 

नई दरों की घोषणा करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, मंत्रिमंडल ने धान, रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का और कपास सहित 14 खरीफ सीजन की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी है. मंत्रिमंडल ने खरीफ फसल सत्र 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 117 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल किया। इसी तरह धान ग्रेड ए प्रति क्विंटल 2320 रुपए दिए जाएंगे। वहीं ज्वार में 191 रुपए से 196 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। अरहर दाल के लिए अब 7000 प्रति क्विंटल की जगह 7750 रुपए दिए जाएंगे। 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, पीएम मोदी का तीसरा कार्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसानों के कल्याण के लिए कई फैसलों के माध्यम से परिवर्तन के साथ निरंतरता पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि आज के फैसले से किसानों को एमएसपी के रूप में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। यह पिछले सीजन की तुलना में 35,000 करोड़ रुपये अधिक है।

महाराष्ट्र के वधावन में बनेगा 76 हजार करोड़ की लागत से सबसे बड़ा बंदरगाह

महाराष्ट्र के वधावन में हर मौसम में काम करने वाला ग्रीनफील्ड डीप-ड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह विकसित करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानु में वधावन बंदरगाह के लिए 76,200 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस बंदरगाह की क्षमता 23 मिलियन टीयू होगी। इसकी क्षमता 298 मिलियन टन होगी। इस बंदरगाह से 12 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है. यह IMEC (भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर) का एक अभिन्न अंग होगा। इसका निर्माण जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण और महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड के संयुक्त उद्यम द्वारा किया जाएगा। 

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