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मोमो चैलेंज गेम से भारत में पहली मौत, ऐसे बचाएं अपने बच्चों को

मोमो चैलेंज गेम से भारत में पहली मौत, ऐसे बचाएं अपने बच्चों को

न्यूज4नेशन डेस्क: सोशल नेटवर्किंग साइट पर जो बच्चें ज्यादा समय बिताते हैं उनके लिए अलार्मिंग कंडीशन है. तेजी से बढ़ रहा Momo WhatsApp चैलेंज गेम अब ब्लू व्हेल के बाद जानलेवा बनता जा रहा है. इस खतरनाक खेल से भारत में पहली मौत की खबर आ रही है. यह मौत राजस्थान के अजमेर में हुई है. जहां मोमो गेम के चक्कर में दसवीं क्लास की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. 


खबर के मुताबिक छात्रा ने अपने जन्मदिन यानि 31 जुलाई के तीन दिन के बाद पहले हाथ की नस काटी और उसके बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अब पड़ताल में यह बात सामने आ रही है कि छात्रा ने मोमो चैलेंज के कारण आत्महत्या की है. मृत छात्रा के मोबाइल की ब्राउज़र हिस्ट्री, मोमो चैलेंज गेम के नियम और शरीर पर बने निशान से यह आशंका जताई जा रही है कि छात्रा ने गेम चैलेंज एक्सेप्ट कर आत्महत्या कर ली है. मौत से पहले लिखे सुसाइड नोट में उसने लिखा कि वह जन्मदिन के दिन ही मर जाना चाहती थी.

क्या है Momo WhatsApp चैलेंज  गेम 

मोमो चैलेंज गेम खतरों से भरा है. इस गेम में मोमो इसे पूरा नहीं करने पर यूजर को फटकार लगाती है साथ ही मोमो यूजर्स को सख्त सजा देने की धमकी भी देती है. इस गेम का बच्चों पर इस कदर असर हो रहा है कि वो वर्चुअल गेम को सिरियस लेने लगते हैं. कई बार तो यह देखा गया है कि इस गेम को खेलने वाले मोमो से डर जाते हैं साथ ही वो मोमो की बातों में फंसकर मानसिक अवसाद में चले जाते हैं. साइबर एक्सपर्ट की माने तो इस मोमो गेम के जरिए साइबर अपराधी बच्चों और युवाओं को फंसाते हैं. पर्सनल जानकारी लेने के बाद साइबर अपराधी परिवार वालों के सामने राज खोल देने की धमकी देते हैं और ब्लैकमेल कर फिरौती मांगने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं. साथ एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि फिरौती नहीं मिलने पर बच्चों को तनाव में डालकर बच्चों को सुसाइड के लिए भी उकसाते हैं. मोमो की प्रोफाइल सबसे पहले लोगों को फेसबुक पर दिखी।


कैसे बचाएं बच्चों को

1. अपने बच्चें की सोशल मीडिया एकाउंट की हर गतिविधियों पर नजर रखें.  

2. बच्चों के  मोबाइल फोन को एंटी वायरस से सुरक्षित रखें. ऐसा करने से यदि कोइ इस लरिके का लिंक बच्चा खोलता है तो पॉप-अप आ जाएगा.

3. बच्चों के कांटेक्ट लिस्ट हमेशा चेक करें, अनजान नंबर मिलने पर ध्यान दें. 

4. बच्चे के व्यवहार में अगर परिवर्तन मिले जैसे बच्चा अगर गुमसुम, उदास नजर आएं या फिर व्यवहार में असामान्य परिवर्तन हों तो उसका ख्याल रखें। 


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