सुर्खियों में मुंगेर लोकसभा सीट, कौन देगा ललन सिंह को टक्कर ?

MUNGER : मुंगेर लोकसभा सीट को लेकर सियासी बिसात अभी से बिछनी शुरु हो गई है.जदयू इस सीट को खोना नहीं चाहती वहीं भाजपा इस पर कब्जा के लिए रणनीति बनाने में जुटी हुई है. मुंगेर लोकसभा सीट जदयू के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है कारण कि यहां से अभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सांसद हैं ,यह सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा से भी जुड़ी है,
वहीं भाजपा ललन सिंह को पटकनी देने की रणनीति बनाने में लगी है. एनडीए के साथ वर्ष 2019 में ललन सिंह मुंगेर से जीते थे. सिंह ने साल 2009 में भी इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था.नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद अब स्थिति बदल गई है.मुंगेर का जो जातीय समीकरण ललन सिंह के पक्ष में हैं। वहीं भाजपा इस सीट पर कब्जा के लिए ठोस रणनीति बनाने में जुट गयी है. भाजपा इस सीट पर किसी भी हाल में कब्जा करना चाहती है,वह ललन सिंह को हराने की जुगत में लग गई है .इसकी बानगी पिछले महीने लखीसराय में केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के समय दिखा.अमित शाह ने नीतीश पर करारा हमला करते हुए पौराणिक मंदिर अशोक धाम जाकर आस्था से जुड़े लोगों में भी पैठ बनाने की कोशिश की थी.
दरअसल,भाजपा और जदयू अलग हैं तो उसके पीछे ललन सिंह को ही बड़ा कारण माना जाता है। इसके बारे में सीएम नीतीश भी बोल चुके हैं. मुंगेर के जातीय समीकरण की बात करें तो यह सीट भूमिहार बाहुल्य वाला है. ललन सिंह खुद भूमिहार समाज हैं, ऐसे में भाजपा गिरिराज सिंह, राकेश सिन्हा जैसे दिग्गज नेता पर दाव खेल सकती है, तो एनडीए के घटक दल के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी भी हैं।
बता दें, वर्ष 2014 में वीणा देवी ने ललन सिंह को पटकनी दी थी. भाजपा के फायर ब्रांड कहे जाने वाले गिरिराज सिंह का नाम मुंगेर सीट के लिए सुर्खियों में है. अब आने वाला समय बताएगा कि ललन सिंह को मुंगेर सीट पर टक्कर देने के लिए कौन सामने आएगा.