तीन तलाक, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर ऐतिहासिक बिल के बाद अब मोदी सरकार धर्मांतरण के खिलाफ बिल लाने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि सरकार अगले सत्र में इस संबंध में कोई बिल संसद में पेश कर सकती है।
दरअसल धर्मांतरण को लेकर काफी लंबे समय से शिकायतें आती रहीं हैं, यहां तक कि संसद में भी इस मुद्दे को कई बार उठाया जा चुका है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में संसदीय कार्य मंत्री रहे वेंकैया नायडू ने सभी दलों से धर्मांतरण पर एक राय से कानून बनाने की अपील भी की थी परन्तु ऐसा हो नहीं पाया था. हालांकि, मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में धर्मांतरण के खिलाफ बिल लाने पर विचार कर रही है.
जबरन धर्मांतरण के खिलाफ आरएसएस और भाजपा शुरू से हुई मुखर रहे हैं और भाजपा के सांसद संसद में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. देश के कई इलाकों में गैर-हिन्दू संगठनों पर अक्सर हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन करने के आरोप लगते रहे हैं. अब केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर इस कानून को लागू करने का विचार कर रही है.
बता दें कि पिछली सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे वेंकैया नायडू ने सभी दलों से धर्मांतरण पर एक राय से कानून बनाने की अपील भी की थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था. अब नई सरकार में मोदी सरकार फिर इस बिल को पेश करने की सोच रही है.