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बिहार के अफसरों-कर्मियों के काम की खबरः संपत्ति क्रय-विक्रय का 'ब्योरा' को लेकर मुख्य सचिव का आदेश,जानें...

बिहार के अफसरों-कर्मियों के काम की खबरः संपत्ति क्रय-विक्रय का 'ब्योरा' को लेकर मुख्य सचिव का आदेश,जानें...

PATNA: बिहार सरकार ने सरकारी सेवकों की चल-अचल संपत्ति क्रय- विक्रय को लेकर एक बार फिर से सचेत किया है . मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्त और सभी डीएम को पत्र लिखा है. मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि सरकारी सेवकों द्वारा चल- अचल संपत्ति के क्रय- विक्रय के संबंध में सरकारी सेवक आचरण नियमावली बनाए गए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने भी 25 मार्च 2021 को निर्देश जारी किये हैं. फिर भी देखा जा रहा है कि इन प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया जा रहा. मुख्य सचिव ने साफ चेताया है कि जो सरकारी सेवक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देते हैं या छुपाते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनिक एवं प्रिवेंशन एवं करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया जायेगा।

मुख्य सचिव का पत्र

मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि सरकारी सेवक अपनी प्रथम नियुक्ति के समय और उसके बाद हर एक 12 महीनों के अंतराल पर अपनी संपत्तियों एवं दायित्वों की विवरणी देगा, जिसमें पूरा ब्योरा रहेगा. स्थाई संपत्ति जो उसकी अपनी हो या उसने अर्जित की हो या विरासत में पाई हो या परिवार के किसी सदस्य के नाम से या किसी अन्य व्यक्ति के नाम से पट्टे या बंधक पर उसके द्वारा धारित हो इसकी जानकारी देना होगा। शेयर, ऋण पत्र, नगद नकद जो उसने अर्जित की हो या विरासत में पाए हों या उसके परिवार के नाम से हो इसे भी जानकारी देना है। अन्य चल संपत्ति जो उसे विरासत में मिली हो या स्व अर्जित हो, प्रत्यक्ष या परोक्ष अगर ऋण और दायित्व हो तो उसका भी विवरण दें .

कोई भी सरकारी सेवक सरकार की पूर्व जानकारी के बिना किसी अचल संपत्ति का अर्जन या निबटाव अपने नाम से, अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम से पट्टे- बंध पत्र की खरीद-बिक्री या प्रीतिदान के द्वारा न करेगा. सरकारी सेवक कोई संपत्ति जिसका मूल्य सरकारी सेवक के 2 माह के मूल वेतन जोड़ ग्रेड वेतन से अधिक हो अगर ऐसा करता है तो 1 माह के अंदर सरकार को जानकारी देना होगा . वांछित विवरण समय पर समर्पित नहीं करने वाले सरकारी सेवकों का वेतन भुगतान सरकार रोक सकेगी.  समय पर विवरण समर्पित नहीं करना सरकारी कर्तव्य पालन में गंभीर कदाचार माना जाएगा और वह विभागीय कार्यवाही का दाई होगा.

जानकारी छुपाई को तो होगा एक्शन

 राज्य सरकार के समूह क,ख और ग के सभी सरकारी सेवकों को प्रत्येक वर्ष फरवरी माह तक अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण निकासी एवं एवं पदाधिकारी के समक्ष समर्पित किया जाना अनिवार्य है. चल-अचल संपत्ति का विवरण प्राप्त होने के बाद ही फरवरी माह का वेतन भुगतान किया जाता है. सरकारी सेवकों द्वारा अचल संपत्ति जिसमें जमीन, मकान ,फ्लैट, गाड़ी क्रय किए जाने की स्थिति में एक माह के अंदर इसकी सूचना देना होगा. ऐसा काम किसी नियमित या ख्याति प्राप्त के साथ नहीं की जा रही हो तो विहित प्राधिकारी से मंजूरी प्राप्त करने के बाद ही क्रय-विक्रय किए जाने का प्रावधान है. मुख्य सचिव ने आदेश दिया है कि सरकारी सेवकों के लिए इन प्रावधानों का दृढ़ता से अनुपालन किया जाना अनिवार्य है. यदि किसी सरकारी सेवक अपनी संपत्ति से संबंधित ब्योरा उपलब्ध नहीं कराता है तो इसे कदाचार मानते हुए अनुशासनिक कार्यवाही चलाई जाएगी. साथ ही प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के अंतर्गत आपराधिक वाद भी दायर किया जा सकेगा।


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