पूर्व राज्यपाल व सत्ताधारी कांग्रेस के बड़े नेता से 'भिड़ने' वाली IPS अफसर को नीतीश सरकार ने पटना बुलाया...अब राजधानी की दी जिम्मेदारी

PATNA: पूर्व राज्यपाल, पूर्व सांसद,पूर्व पुलिस कमिश्नर और सत्ताधारी कांग्रेस के बड़े नेता से भिड़ने वाली महिला आईपीएस अधिकारी को नीतीश सरकार ने पटना बुला लिया है. उन्हें पटना सदर अनुमंडल का एसडीपीओ बना दिया गया है. गृह विभाग ने 13 सितंबर को जो दो आईपीएस अधिकारी का ट्रांसफर किया है, उनमें एक औरंगाबाद की एसडीपीओ स्वीटी सहरावत भी हैं. हफ्ते भर पहले ही महिला आईपीएस अधिकारी स्वीटी सहरावत और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के बीच तू-तू-मैं-मैं हुई थी. इसका वीडियो भी सामने आया था. 

पूर्व राज्यपाल और महिला आईपीएस अफसर के बीच हुआ था विवाद

नीतीश सरकार ने आज दो आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया है. दोनों महिला अफसर ही हैं. इनमें पटना सदर की एसडीपीओ काम्या मिस्रा को सीआईडी का एएसपी बनाया गया है. जबकि औरंगाबाद की एसडीपीओ स्वीटी सहरावत को पटना सदर का नया एसडीपीओ बनाया गया है. ये वही स्वीटी सहरावत हैं जिनका सोमवार (4 सितंबर) को पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के बीच तू-तू-मैं-मैं जैसी स्थिति बन गई. पूर्व राज्यपाल  औरंगाबाद एसडीपीओ से कानून-व्यवस्था को लेकर बात करना चाहते थे, लेकिन वह मिलने का समय नहीं दे रहीं थीं. ऑफिस में भी फोन नहीं उठने के बाद पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार सीधे सदर एसडीपीओ के घर ही पहुंच गए. विभिन्न मोहल्ले में घटित चोरी की घटना का खुलास न होने और पुलिसिया व्यवहार एवं उनकी कार्यशैली से अजीज आ चुके लोगों ने पूर्व राज्यपाल के आवास पर जाकर अपनी बातें रखी थी. लगातार बढ़ रही चोरी की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों ने लगाम लगाने के लिए पुलिस पदाधिकारी से बात करने का आग्रह किया. स्थानीय लोगों की समस्या सुनकर पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने अपने पीए योगेंद्र बाबू को सदर एएसपी स्वीटी सहरावत को फोन मिलाने को कहा. आरोप है कि फोन मिलाने पर दो बार रिंग होने के बाद एएसपी ने फोन नहीं उठाया.

इसके बाद फिर पूर्व राज्यपाल ने खुद अपने मोबाइल से एसडीपीओ को कॉल लगाया, लेकिन उनके रिंग होने के बाद एएसपी ने उसे भी काट दिया. अंत में पूर्व राज्यपाल पैदल ही एएसपी के आवास पहुंच गये. जहां उन्हें यह कहा गया कि मैडम आवास पर किसी से नहीं मिलती, इसलिए कार्यालय जाये तो बेहतर होगा. एसडीपीओ के गार्ड का जवाब सुनकर पूर्व राज्यपाल को वहीं आवास के बाहर खड़ा रहना पड़ा, जिसे औरंगाबाद के डीडीसी अभ्येंद्र मोहन सिंह ने देख लिया और वहां पहुंचे और अपने आवास पर चलकर बैठने का आग्रह किया, लेकिन पूर्व राज्यपाल इतने गुस्से में थे कि वह काफी देर तक एएसपी के आवास के बाहर ही खड़े रहे. अंत में एएसपी बाहर निकली और पूर्व राज्यपाल से बातचीत की.

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'आवास में हम किसी से नहीं मिलते हैं'

तब एएसपी ने कहा कि वे आवास पर किसी से नहीं मिलती हैं. तब पूर्व राज्यपाल ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा क्यों नहीं मिलेंगी आप? आपको सबसे मिलना है. पूर्व राज्यपाल ने उन्हें पुलिस मैन्युअल की याद दिलायी. पूर्व राज्यपाल ने शहर में बढ़ रही चोरी की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि, कहीं भी पुलिस की गश्ती रात में नहीं दिखती है. आपलोग क्या पेट्रोलिंग करती हैं. एएसपी द्वारा दिये गये किसी जवाब पर पूर्व राज्यपाल संतुष्ट नहीं हुए और उनके किये गये वार्ताओं पर दुख प्रकट किया. साथ ही साथ उन्हें पुलिसिया रूल और रेगुलेशन की भी जानकारी दी. पूर्व राज्यपाल के साथ एएसपी द्वारा किये गये इस बर्ताव की शहर में चर्चा होती रही. बातचीत का वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है.हालांकि औरंगाबाद की एसडीपीओ ने फोन काटने व प्रोटोकॉल उल्लंघन की बात को गलत बताया था.