PATNA : पटना हाईकोर्ट ने पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को सड़कों से जोड़ने के मामले पर सुनवाई करते हुए रेलवे के अपने हिस्से की धनराशि देने के रवैए पर नाराजगी जताई है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने भरत प्रसाद सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये कोई रेलवे एहसान नहीं कर रहा हैं।कोर्ट ने कहा कि अगर रेलवे सड़क बनाने में आर्थिक सहयोग नहीं दे सकती,तो अच्छा है कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया जाए।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पाटलिपुत्र रेल स्टेशन को सभी ओर से जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण के मामलें पर सुनवाई करते राज्य सरकार व रेलवे को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार की ओर से एड्वोकेट जनरल ने बताया कि राज्य सरकार सड़क निर्माण मे आधी धनराशि देने को तैयार है।कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सौ करोड़ की कौन सी बड़ी राशि हैं।चूंकि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन रेलवे ने बनाया हैं,इसीलिए सड़क निर्माण की जिम्मेदारी भी रेलवे की ही होनी चाहिए। पिछली सुनवाई में कोर्ट को रेलवे की ओर से बताया गया कि सड़क निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि के स्वीकृति के सम्बन्ध में रेलवे बोर्ड विचार कर रहा है।कोर्ट को बताया गया कि एडवोकेट जेनरल ने सभी सम्बंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को चारों ओर से जोड़ने की योजना पर विचार किया। इन सड़कों को पूरा होने पर सभी ओर से यात्रियों को स्टेशन आने में सुविधा हो जाएगी।
सुनवाई के क्रम में कोर्ट को बताया गया कि एन टी पी सी रोड से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक जोड़ने की योजना बनायीं गयी है।इस सड़क की लम्बाई 600 मीटर और चौडाई 22 मीटर होगी।इसमें आशियाना नगर कॉलोनी मोड़, रामनगरी मोड़ और मजिस्ट्रेट कॉलोनी रोड शामिल है।इसमें 76.47 करोड़ रुपये खर्च होंगे,जिसमें भूमि अधिग्रहण का व्यय भी शामिल हैं। इसके साथ ही एम्स,पटना के एलिवेटेड रोड को पाटलीपुत्र रेलवे स्टेशन तक ले जाने की योजना हैं,ताकि यात्री सीधे स्टेशन पहुँच सके। इस में 94.52 करोड़ रुपये का व्यय होगा। यह नेहरू पथ और पाटलीपुत्र रेलवे स्टेशन को मिलाएगा। पश्चिम की तरफ से दानापुर और गोला रोड की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए नहर की सड़क को चौडा किये जाने और फुट ओवर ब्रिज बनाने की योजना हैं। इसमें 10.86 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया था, लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 27 अक्टूबर ,2021को होगी ।