PATNA: बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है. लेकिन यहां अंचल स्तर पर ही भारी गड़बड़ी की जा रही है. अंचल अधिकारी दाखिल खारिज आवेदन को पहले खारिज कर रहे, फिर अवैध पैसा लेकर उसे स्वीकृत कर रहे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक महिला अंचल अधिकारी को ऐसे ही मामले में दंड दिया है. यह महिला अंचल अधिकारी पहले दाखिल खारिज आवेदन को खारिज करती थी, फिर स्वीकृत. सरकार ने माना है कि अंचल अधिकारी द्वारा निजी स्वार्थ में यह खेल किया जा रहा था.
हसपुरा अंचल के सीओ ने किया खेल
औरंगाबाद के हसपुरा अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी शोभा कुमारी ने ऑनलाइन दाखिल खारिज के मामले में भारी गड़बड़ी की थी . दाखिल खारिज आवेदन को एक बार अस्वीकृत करने के बाद इसी दस्तावेज पर पुनः दाखिल खारिज किया जा रहा था. मामला पकड़ में आने के बाद आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्यवाही शुरू हुई की गई. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने माना है कि औरंगाबाद के हसपुरा अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी शोभा कुमारी ने जानबूझकर वर्ष 2023-24 में वैसे दाखिल खारिज आवेदनों को फिर से स्वीकृत किया जिसे खारिज किया जा चुका था .
महिला अधिकारी को मिला दंड
खुलासे के बाद आरोपी अंचल अधिकारी शोभा कुमारी से स्पष्टीकरण मांग की गई. जिसमें उन्होंने कहा कि एक बार याचिका की अस्वीकृति के बाद फिर से याचिका प्रस्तुत किए जाने का मामला संज्ञान में नहीं आया. विभाग ने इस सफाई को सिरे से खारिज कर दिया है. विभाग का कहना है कि मार्च 2023 से ही सॉफ्टवेयर में एक ही खेसरा पर पूर्व में दाखिल खारिज के लिए दिए आवेदन प्रदर्शित हो रहे हैं. ऐसे में आपका यह तर्क बेमानी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पाया है कि अंचल अधिकारी हसपुरा शोभा कुमारी ने किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने और अपने निजी स्वार्थ में यह गलती की है. ऐसे में ये दंड की भागी हैं. शोभा कुमारी वर्तमान में बक्सर जिले के राजपुर आंचल की अंचल अधिकारी हैं.इनके खिलाफ संचई प्रभाव के बिना तीन वेतन वृद्धि रोक का दंड दिया गया है.