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पत्नी पर कयामत बनकर टूटा कोरोना तो पति ने उसे बचाने के लिए किया कुछ ऐसा कि दुनिया हुई दीवानी

पत्नी पर कयामत बनकर टूटा कोरोना तो पति ने उसे बचाने के लिए किया कुछ ऐसा कि दुनिया हुई दीवानी

DESK: कोरोना काल में जब कोरोना पत्नि पर कयामत बन कर टूटा तो पति ने पत्नी को बचाने के लिए कुछ ऐसा किया जो सारी दुनिया के सामने मिसाल हो गया. एक तरफ जहां कोरोना पीड़ित परिवारो को लोग छोड़ दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अपनी पत्नी को बचाने के लिए पति के प्रयास को दुनिया सराह रही है. आज हम आपको एक ऐसे कपल के बार में बताने वाले हैं जो पति-पत्नि के रिश्ते की मिसाल पेश की है. खबर अहमदाबाद से है जहां पत्नि को कोरोना से बचाने के लिए पति ने 2,740 किमी तक गाड़ी चलाई.

दरअसल अहमदाबाद की मिस्बाह 71 फीसदी झुलसी और कोविड-19 से संक्रमित थी. रात में जब मिस्बाह की तबीयत बिगड़ी तो अस्पतालों को कॉल किया गया लेकिन भर्ती करने से इनकार कर दिया. मिस्बाह और फैजल का घर जमालपुर में था जो कि कंटेनमेंट जोन में था. आखिरकार, एलजी अस्पताल में मिस्बाह के लिए बेड की व्यवस्था की गई. दो दिन बाद मिस्बाह की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली जिसके बाद उन्हें एसवीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

मिस्बाह का केस थोड़ा दुर्लभ था एक तो वो कोरोना पॉजीटिव थी और ऊपर से उनकी सर्जरी हुई थी. जिस वजह से डॉक्टर के लिए यह केस थोड़ा पेचीदा हे गया था. डॉक्टर का कहना है कि अगर मिस्बाह कोरोना से ठीक नहीं होतीं तो उनके घावों में जहर भर जाता. डॉ. भाटिया ने बताया, 'साधारण तौर पर हम कोल्ड चेन प्रकिया के जरिए मुंबई से स्किन मंगाते हैं लेकिन मुंबई स्किन बैंक हमारी मदद नहीं कर सका.' उन्होंने बताया, 'सारी उम्मीदें खत्म होती दिख रही थीं लेकिन फिर नैशनल बर्न सेंटर के डॉ. सुनील केसरवानी ने हमें बताया कि बेलगाम के केएलईएस डॉ. प्रभाकर कोरे अस्पताल के डॉ. राजेश पवार के पास स्किन उपलब्ध है. लेकिन अब आगे चुनौती थी कि उसे कैसे लाया जाए.

बेलगाम तक राउंड ट्रिप की तैयारी

डॉ. भाटिया ने आगे बताया, 'हम हमारे सामने चुनौती थी कि स्किन को लाया कैसे जाए क्योंकि कोल्ड चेन कुरियर लॉकडाउन के चलते बंद था. 15 जून को फैज और उनके कुछ दोस्तों ने नॉनस्टॉप चलकर बेलगाम तक की राउंड ट्रिप की योजना बनाई. 17 जून को वे एसवीपी वापस आए.' डॉ. भाटिया ने बताया कि उन्होंने पुलिस से फैजल को ग्रीन पैसेज की अनुमति देने के लिए गुजारिश की.


दुनिया में पहला ऐसा केस

डॉ. भाटिया ने बताया, '17 जून को सुबह सात बजे स्किन अहमदाबाद पहुंची और फिर एक घंटे में मिस्बाह की ऑटोग्राफ्ट और होमोग्राफ्ट के कंबाइड ऐप्लिकेशन के जरिए सर्जरी कर दी.' अस्पताल की ओर से दावा किया गया कि यह दुनिया में अपनी तरह का पहला ऐसा मामला था जिसमें महिला बुरी से झुलसने और कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो गई. यह दोनों ही स्थितियां जान के लिए खतरनाक थीं.



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