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लोकसभा संग्राम में होगी प्रियंका की इंट्री! फूलपुर से लड़ सकती हैं आमचुनाव, इन सीटों पर पड़ेगा असर, भाजपा की बढ़ी धड़कन

लोकसभा संग्राम में होगी प्रियंका की इंट्री! फूलपुर से लड़ सकती हैं आमचुनाव, इन सीटों पर पड़ेगा असर, भाजपा की बढ़ी धड़कन

उत्तरप्रदेश का फूलपुर लोकसभा सीट आमचुनाव 2024 के लिए हॉट सीट बनता जा रहा है. बने भी क्यों ना, इस सीट का नेतृत्व भारत के प्रथमप्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने किया था. इस सीट से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा ने भी जोर पकड़ा था.इसी बीच राजनीतिक गलियारों में यहां से कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के चुनाव लड़ने की चर्चा जोर शोर से हो रही है. प्रियंका गांधी के जरिए पूर्वांचल में भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने की मुहिम को बढ़ाने की कोशिश में कांग्रेस दिख रही है. पहले प्रियंका को पीएम मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी से उतारने की चर्चा थी,जिसको लेकर कांग्रेस में दोफाड़ हो गया,इसके बाद प्रियंका ने चुनाव लड़ने का खंडन कर दिया. अब प्रियंका वाड्रा को फूलपुर से चुनाव पकड़ने की चर्चा ने तब जोर पकड़ा जब उनके समर्थन में प्रयागराज में पोस्टर चिपकाया गया.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार मिलने के साथ ही अजय राय ने घोषणा कर दी थी कि प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी. अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, अगले ही दिन उनका स्पष्टीकरण सामने आया कि वे इन दोनों नेताओं को इन सीटों से चुनाव लड़ने के लिए मनाएंगे.अजय राय की घोषणा के बाद से यूपी के कई सीटों से प्रियंका को लड़ाने की मांग शुरू हो गई. फूलपुर सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की संसदीय सीट फूलपुर रही थी. वे तीन बार यहां से चुने गए. अब कांग्रेस नेताओं की मांग है कि नेहरू-गांधी परिवार से प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ें और  इसके लिए बकायदा पोस्टर लगाए जा रहे हैं.

फूलपुर लोकसभा सीट से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तीन बार जीत दर्ज की थी. पंडित नेहरू ने यहां से वर्ष 1952, 1957 और 1962 जीते थे. पंडित नेहरू की के बाद 1964 के उप चुनाव में उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित यहां से चुनाव जीतीं. वर्ष 1967 के चुनाव में भी उन्होंने फूलपुर से सफलता हासिल की. वर्ष 1969 के उप चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के जनेश्वर मिश्र विजयी हुए. वर्ष 1971 में कांग्रेस ने यहां से बीपी सिंह को उम्मीदवार बनाया और वे जीते. 1977 में जनता पार्टी की प्रत्याशी कमला बहुगुणा ने कांग्रेस के रामपूजन पटेल को हराया. कमला बहुगुणा 1980 में कांग्रेस के टिकट पर जीतीं. तो वर्ष 1984 के चुनाव में कांग्रेस के रामपूजन पटेल जीते. फूलपुर पर इसके बाद से कांग्रेस कभी नहीं जीत पाई है.लगभगचार दशक बाद एक बार फिर गांधी परिवार का इस सीट पर कब्जा करने के लिे प्रियंका वाड्रा को यहां से चुनाव लड़ाने पर चर्चा हो रही है. प्रियंका वाड्रा के फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ते की सूरत में इलाहाबाद, भदोही, कौशांबी, प्रतापगढ़ के साथ पूर्वांचल के अन्य सीटों पर भी इसका असर पड़ सकता है.

 बहरहाल लोकसभा 2024 के चुनाव में मोदी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस अपने तरकश का हर तीर इस्तेमाल कर रही है. प्रियंका गांधी के फूलपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा ने कांग्रेसियों में नई ऊर्जा का संचार किया है,यह कहने में गुरेज नहीं किया जा सकता.

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