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राधामोहन VS अखिलेश...घर की लड़ाई में कौन जीतेगा ? PM मोदी के कार्यों के प्रचार में MP से आगे निकले BJP नेता, शिकायत के बाद भी 'जन विश्वास रथ यात्रा' रूकवाने में विफल रहा दूसरा गुट

राधामोहन VS अखिलेश...घर की लड़ाई में कौन जीतेगा ? PM मोदी के कार्यों के प्रचार में MP से आगे निकले BJP नेता, शिकायत के बाद भी 'जन विश्वास रथ यात्रा' रूकवाने में विफल रहा दूसरा गुट

PATNA: मोतिहारी में भाजपा के अंदर शह-मात का खेल जारी है.लोकसभा का चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा, वैसे-वैसे मोतिहारी भाजपा के अंदर लगी आग की लौ और तेज होने लगी है. अब तक प्रधानमंत्री मोदी के कामों को जन-जन तक पहुंचाने का जिम्मा स्थानीय सांसद उठा रहे थे. लेकिन अब स्थिति बदली-बदली दिख रही है. भाजपा के स्थानीय सांसद पीएम मोदी के कामों को घर-घर तक पहुंचाने को लेकर निकलते, इसके पहले ही पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश सिंह रथ पर सवार हो निकल पड़े हैं. अखिलेश सिंह के रथ पर सवार होने से परेशानी विपक्ष को नहीं है, बल्कि भाजपा का दूसरा गुट ही भारी टेंशन में है. टेंशन इसलिए है कि रथी को मोतिहारी संसदीय क्षेत्र में कार्यकर्ताओं-समर्थकों का जबरदस्त स्नेह मिल रहा है. चुनाव सिर पर है और जिस नेता को छोटा समझा जा रहा था, उसने पार्टी के एजेंडे को ही आगे बढ़ाकर सांसद गुट को सकते में ला दिया है. सांसद गुट इस कदर बेचैन है कि पीएम मोदी को आधुनिक भारत का विश्वकर्मा बताने रथ पर सवार होकर निकले भाजपा नेता अखिलेश सिंह की शिकायत नेतृत्व से कर दिया है. हालांकि सांसद गुट अभी तक रथ रोकने में नाकामयाब रहा है.

मोतिहारी में भाजपा के अंदर राधामोहन VS अखिलेश 

मोतिहारी भाजपा के अंदर सिरफुटौव्वल है. पार्टी कई धाराओं में बंटी दिख रही है. स्थिति ऐसी हो गई है कि हर धारा एक-दूसरे को कमजोर करने में जुटी है. मोतिहारी में अब तक बिना राधामोहन सिंह की मर्जी के दल के अंदर पत्ता का हिलना भी संभव नहीं था. लेकिन समय के साथ स्थिति बदलती दिख रही है. हालात पतली दिखाई पड़ने लगी है. घऱ में ही स्थानीय सांसद घिरते दिखाई दे रहे हैं. अब तो मोतिहारी संसदीय क्षेत्र में भाजपा का बड़ा कार्यक्रम भी हो रहा है, जिसमें पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता शामिल हो रहे. पीएम मोदी के जन्म दिन पर 17 सितंबर से भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अखिलेश सिंह रथ मोतिहारी संसदीय क्षेत्र में निकल पड़े हैं. इस रथ यात्रा में स्थानीय सांसद का गुट शामिल नहीं हो रहा है. भाजपा नेता अखिलेश सिंह प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों को निचले स्तर तक ले जा रहे हैं. इस यात्रा में भाजपा के पुराने समर्थकों-कार्यकर्ताओं का जबरदस्त जुटान भी हो रहा है. रथ यात्रा अब तक मोतिहारी संसदीय क्षेत्र के पीपरा, केसरिया,कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण कर चुका है. आज गोविंदगंज और हरसिद्धी में कार्यक्रम है. 25 सितंबर को इस यात्रा का मोतिहारी में समापण होगा.

शिकायत करने के बाद भी नहीं रूका जन विश्वास रथ 

बताया जाता है कि रथ यात्रा पर निकले भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अखिलेश सिंह की शिकायत नेतृत्व से की गई है. सूत्र बताते हैं कि नेतृत्व से कहा गया कि रथ यात्रा रोकने की कोशिश करिए. इसके पक्ष में तरह-तरह के तर्क दिए गए. हालांकि प्रधानमंत्री के कार्यों का प्रचार करने निकले भाजपा नेता अखिलेश सिंह का मोतिहारी संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री के कार्यों का प्रचार जारी है. विपक्षी गुट इनके खिलाफ ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाया,लिहाजा नेतृत्व ने भी इस मामले से अपने को अलग कर लिया.

  आधुनिक भारत के विश्वकर्मा हैं नरेंद्र मोदी-अखिलेश 

जन विश्वास यात्रा पर निकले भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौ सालों में किए गए कामों का बखान कर रहे हैं. वे गांवों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं और एक बार फिर से प्रधानमंत्री के साथ मजबूती से खड़े होने का आह्वान कर रहे. जन विश्वास यात्रा में नरेंद्र मोदी को आधुनिक भारत के विश्वकर्मा बताया जा रहा. उनके नेतृत्व में आज भारत दुनिया की पांचवी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है। G20 के सफल अध्यक्षता का श्रेय भी नरेंद्र मोदी को ही जाता है। नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत में एक तरफ जहां 48 करोड़ से ज्यादा लोगों का जनधन खाता खुला वहीं, उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ 60 लोगों को गैस कनेक्शन दिया गया। आयुष्मान भारत के तहत 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को 5 लाख तक की स्वास्थ्य बीमा का कवरेज दिया गया। किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को 6000 की राशि प्रत्येक वर्ष दी जा रही है। स्वच्छता योजना के तहत 11 करोड़ से ज्यादा लोगों के घर में शौचालय बनाए गए। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया वहीं आर्थिक रूप से कमजोर स्वर्ण को 10% आरक्षण दिया गया। अन्न योजना के तहत 80 करोड लोगों को मुफ्त अनाज मुखिया कराया जा रहा है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से जुड़े स्थान का विकास कर पंच तीर्थ बनाया गया। आतंकवादी घटनाओं पर नियंत्रण किया गया। धारा 370 समाप्त कर कश्मीर मैं आतंकवाद की घटनाओं में कमी लाई गई।

 
मोतिहारी में भाजपा ने लिए नहीं है कुछ भी ठीक

बता दें, पूर्वी चंपारण(मोतिहारी) जिले में बीजेपी के अंदर कई गुट काम कर रहा है. सभी गुट एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में जुटा है. जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव हो या विधान परिषद चुनाव, या फिर नगर निगम के मेयर का. इन सभी चुनावों में गुटबाजी साफ तौर पर दिखी. विप चुनाव में भाजपा के एक बड़े गुट जिसका समर्थन एक बड़े नेता का था, उसने दलीय प्रत्याशी की बजाय दूसरे कैंडिडेट की मदद की. नतीजा यह हुआ कि भाजपा कैंडिडेट बबलू गुप्ता की हार हो गई. मेयर चुनाव में कद्दावर नेता के कैंडिडेट रहे भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ दल के दूसरे गुट ने खुलकर काम किया. नतीजा यह हुआ कि भाजपा के कद्दावर नेता के कैंडिडेट औंधे मुंह गिर गए और राजद समर्थित प्रत्याशी की जीत हो गई. अब लोकसभा का चुनाव सिर पर है. अगर यही स्थिति रही तो फिर भाजपा के लिए मोतिहारी सीट बचाना मुश्किल हो जायेगा, क्यों कि स्थानीय सांसद को लेकर नाराजगी इस कदर है कि दल के अंदर का ही बड़ा गुट किसी भी हद तक जा सकता है.  

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