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भारतीय राजनीति के महानायक और अंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता थे रामविलास पासवान, बड़े भाई के जन्मदिन पर बोले पशुपति पारस

भारतीय राजनीति के महानायक और अंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता थे रामविलास पासवान, बड़े भाई के जन्मदिन पर बोले पशुपति पारस

NEW DELHI-PATNA :  आज दिनांक 05 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी एवं दलित सेना के संस्थापक पदम्भूषण रामविलास पासवान की 78वीं जयंती समारोह राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय नई दिल्ली एवं राज्य कार्यालय पटना में धूमधाम से मनायी गयी। इस असवर पर राष्ट्रीय लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने रामविलास पासवान के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। इस दौरान कवहां उपस्थित सभी पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिवगंत रामविलास पासवान देश के शोषितों वंचितों एवं दलितों की प्रखर एवं मुखर आवाज थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को समाज के मुख्य धारा से जोड़नें में समर्पित कर दिया। दलितों को सशक्त बनाने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा, वे भारतीय राजनीति के महानायक थे।



बड़े भाई को बताया अपना भगवान 

पशुपति कुमार पारस ने कहा कि रामविलास पासवान सदा इस बात को कहते थे कि मैं उस घर में दिया जलाने चला हूँ जहाँ सदियों से अंधेरा है। उन्होंने कहा कि मैं और मेरा परिवार और पूरी पार्टी देश के लाखों-करोड़ों उनके प्रशंसक आज भी उनकी कमी को महसूस करते हैं। पारस ने कहा कि मैं अपने स्वर्गीय बड़े भाई रामविलास पासवान को अपना भगवान मानता हूँ।आज उनकी जयंती है इस अवसर पर लोक जनशक्ति पार्टी के जनक समाजिक क्रांति के पुरोधा अपने जीवन को पूर्णतया समाज के लिए न्योछावर करनेवाले समानता और मानवता की लड़ाई लड़नेवालें अछूतों पिछड़ों और वंचितों गरीबों के हक और अधिकार की लड़ाई ओ.बी.सी आरक्षण (मंडल कमीशन) के नायक अपने अभिभावक बड़े भाई की स्मृतियों को नमन करता हूँ। 



अंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता थे रामविलास

इस अवसर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए पशुपति पारस ने कहा कि देश में डाॅ भीमराव अम्बेदकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता रामविलास पासवान थे आज उनके जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मेरा यह आग्रह और मांग है कि रामविलास पासवान को भारत रत्न की उपाधि देकर सम्मानित करें केन्द्र सरकार दूसरी ओर पारस ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह मांग किया की पटना में रामविलास पासवान की आदमकद प्रतीमा स्थापित की जाए और उनके जयंती के दिन पाँच जुलाई के दिन को राज्य में राजकीय अवकाश की घोषणा की जाये। 



प्रिंस ने भी बड़े पापा को किया याद

जयंती समारोह कार्यक्रम के अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष व सांसद प्रिंस राज ने रामविलास पासवान को याद करते हुए कहा कि उनके नहीं रहने से जो जगह हमारे परिवार में खाली हुई है उसकी भरपाई कभी नही हो सकती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने रामविलास पासवान को याद करते हुए कहा कि रामविलास पासवान ने वैसे गरीबों और वंचितों और दलितों के घर में दिया जलाने का काम और रोशनी पहुंचाने का काम किया जिनके घरों में सदियों से अंधेरा था। 



 इस अवसर पर पूर्व सांसद चंदन सिंह, पूर्व विधायक सुनील पांडेय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विरेश्वर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव डाॅ उषा शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल, राष्ट्रीय महासचिव पप्पू सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अम्बिका प्रसाद बिनू, दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार दाहा, प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार सिंह, प्रदेश महासचिव रंजीत पासवान, युवा प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र यादव, राजू राजवीर, मुख्य प्रवक्ता चंदन सिंह, प्रदेश महासचिव राजेन्द्र विश्वकर्मा, संगठन सचिव राधाकान्त पासवान, सौलत राही, मनीष त्यागी, सलाउद्यीन खान सहित अन्य नेताओं ने रामविलास पासवान के तैल्य चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया तथा उनके जीवनी पर प्रकाश डाला। 



   

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