बेगूसराय में नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति ने सत्याग्रह का किया आयोजन, स्वतंत्रता संग्राम और बिहार केसरी की विरासत संरक्षित करने की हुई मांग

बेगूसराय में नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति ने सत्याग्रह का किया आयोजन, स्वतंत्रता संग्राम और बिहार केसरी की विरासत संरक्षित करने की हुई मांग

BEGUSARAI: बेगूसराय में नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति के तत्वावधान में स्वर्ण जयंती पुस्तकालय परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह आयोजित किया गया। इस सत्याग्रह का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम की अनमोल विरासत ,बिहार का दांडी और बिहार केसरी डॉ.  कृष्ण सिन्हा (श्रीबाबू) की कर्मभूमि-गढ़पुरा के ऐतिहासिक और गौरवशाली इतिहास को वर्तमान और आनेवाली पीढ़ियों के हित में सुरक्षित, संरक्षित और संवर्द्धित करवाना है।                  

 दरअसल, नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति ने सिस्टम की इस घोर उदासीनता के खिलाफ और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के खिलाफ प्रमंडल ,अनुमंडल, जिला और प्रखंड कार्यालयों के समक्ष सत्याग्रह आयोजन करने का निर्णय लिया है। और आज इसी कड़ी में बेगूसराय जिला मुख्यालय में सत्याग्रह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को गढ़पुरा नमक सत्याग्रह यात्रा समिति के राष्ट्रीय महासचिव राजीव कुमार, महासचिव रमेश महतो, कोषाध्यक्ष सुशील सिंहानियां, सह संयोजक रामसेवक स्वामी, सह सचिव डोमन महतो, मुकेश विक्रम यादव- सचिव, विष्णु पासवान, हरिहर दास इत्यादि ने संबोधित किया ।  

बता दें कि, वक्ताओं ने अपने संबोधन में मुख्य रुप से तीन मांगें रखीं। उनमें भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अविलंब पूरा कर वहां संबंधित विभाग के द्वारा बनाये गये नक्शे और डिजाइन तथा मुख्यमंत्री के को स्तर पर स्वीकृत और  शिलान्यास के अनुरूप एक भव्य नमक सत्याग्रह स्मारक का अविलंब निर्माण सुनिश्चित करें । इसे बापू सर्किट से जोड़कर राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिया जाए। साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरा किए बगैर यहां किये गये अवैध और अधूरे निर्माण के लिये जिम्मेदार लोगों को चिह्नित कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। लोगों ने एक स्वर से यहां दांडी के रष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक की तरह ही भव्य स्मारक के निर्माण की मांग किया। 

बतातें चलें कि समिति के प्रयास से यहां 82 वर्षों से चली आ रही है घोर उपेक्षा दूर हुई थी और समिति के आग्रह और प्रयास से यहां तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो बार नमन करने हेतु पधारे थे। भव्य स्मारक के निर्माण हेतु मुख्यमंत्री के कर-कमलों से 22 दिसंबर,2023 को शिलान्यास हुआ, तदुनासर राज्यपाल के द्वारा एक विशेष एक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण हेतु अधिसूचना जारी की गई । लेकिन दस वर्ष बीत जाने के बाद भी एक इंच जमीन का भी अधिग्रहण  नही किया जा सका। दूसरी तरफ जमीन उपलब्ध हुए वगैर ही भ्रष्ट व लुटेरे ठेकेदार ने अधिकारियों व नेताओं की मदद से वहां एक अवैध ,अधूरा और त्रुटिपूर्ण स्ट्रकचर खड़ा कर दिया। वहीं  दर्जनों बार प्रसासन और विभाग को जमीन अधिग्रहण में हो रहे अनावश्यक विलंब और अवैध निर्माण पर ध्यानाकर्षण कराया गया, मौन सत्याग्रह व अनिश्चितकालीन सत्याग्रह किया गया। लेकिन इसके बावजुद भी सिवाय कोरे आश्ववासनों के कुछ नहीं मिला। 

                      


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