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जदयू कार्यकारी अध्यक्ष बनते ही संजय झा का बड़ा ऐलान, नीतीश के खत्म होने पर खूब सुनाया, अब JDU का यह है प्लान

जदयू कार्यकारी अध्यक्ष बनते ही संजय झा का बड़ा ऐलान, नीतीश के खत्म होने पर खूब सुनाया, अब JDU का यह है प्लान

पटना/दिल्ली. संजय झा को शनिवार को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया. जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी. बिहार के मुख्यमंत्री सह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपने करीबियों और विश्वस्तों में एक संजय झा को जदयू में नंबर दो की कुर्सी दी है. कार्यकारी अध्यक्ष का पद मिलते ही संजय झा ने जदयू के विस्तार को लेकर बड़ी घोषणा की है. साथ ही नीतीश कुमार पर संदेहास्पद टीका-टिप्पणी करने वालों को ही आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. 

खूब बरसे संजय झा : उन्होंने कुछ पुरानी टिप्पणियों को लेकर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक वर्ग द्वारा नीतीश कुमार के खत्म हो जाने की बातें कही जाती थी. लोकसभा के चुनाव परिणाम ने उन तमाम लोगों को झटका दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के करीब 20 साल बिहार में सरकार चलाने के बाद भी आज भी उनके खिलाफ एंटी एन्क्म्बेसी नहीं है. चुनाव परिणाम से यह साबित हुआ है. 

झारखंड में लड़ेंगे चुनाव : उन्होंने कहा कि जदयू के संगठन को विस्तार देने के लिए पार्टी इस वर्ष होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरेगी. संजय झा ने कहा कि झारखंड में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे या गठबंधन का हिस्सा होंगे यह समय आने पर तय कर लिया जायेगा. हम लोग उनसे बात करेंगे. वहीं बिहार के लिए स्पेशल स्टेट्स के सवाल पर उन्होंने कहा कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इसे लेकर एक प्रस्ताव लाया गया. हमारी पार्टी चाहती है कि बिहार के स्पेशल स्टेट्स मिले या फिर राज्य के लिए विशेष पैकेज जारी किया जाए. बिहार में जाति गणना रिपोर्ट आने के बाद ओबीसी, ईबीसी और एससी-एसटी के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाने के नीतीश सरकार के निर्णय को पटना हाई कोर्ट द्वारा निरस्त करने पर उन्होंने कहा कि हम लोग इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. 

कौन हैं संजय झा : संजय कुमार झा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजेपी के साथ की थी. इसके बाद साल 2012 में जेडीयू में शामिल हो गए. दो साल बाद उन्होंने पार्टी के टिकट पर बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए. उस वक्त जेडीयू अकेले लोकसभा चुनाव में उतरी थी.जदयू में आने के बाद संजय झा बेहद कम समय में नीतीश कुमार के करीबियों में शामिल हो गए. नीतीश कुमार के साथ सरकार में मंत्री के रूप में काम करने के साथ ही पार्टी संगठन पर भी झा की नजर रहती .  नीतीश कुमार जब वर्ष 2014 में बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव में उतरे और फिर 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश ने लालू यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उसके बाद 2017 में जदयू की फिर से एनडीए में वापसी में संजय झा ने अहम् भूमिका निभाई. इसका खुलासा खुद जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने 2022 में किया था जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर फिर से लालू यादव के साथ महागठबंधन में आ गए थे. वहीं 2024 में फिर से जदयू की एनडीए में वापसी में संजय झा को मुख्य सूत्रधार माना गया. ऐसे में पार्टी और सरकार में मजबूत पकड़ के साथ ही भाजपा के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने वालों में संजय झा की प्रमुख भूमिका रही है.

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