DESK.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और इतिहास कायम किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहस्यवादी कवि और भगवान कृष्ण की भक्त की 525वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित 'मीराबाई जन्मोत्सव' में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा पहुंचे. उन्होंने कृष्ण जन्मभूमि पर पूजा-अर्चना भी की और ऐसा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री बने. पीएम मोदी अक्सर ही देश के प्रमुख मन्दिरों में जाते रहते हैं. लेकिन इस बार उनका मथुरा जाना बेहद खास रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है भाजपा सूत्रों की मानें तो मथुरा और ब्रज विकास की बात कह पीएम मोदी ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले एक बड़ा दांव खेला है. इसका असर पश्चिमी और ब्रज के लोकसभा क्षेत्रों पर होना तय माना जा रहा है.
पीएम मोदी ने एक तरह से पश्चिमी क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र के 38 संगठनात्मक जिलों के तहत आने वाली 27 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप की रणनीति तैयार की है. बीजेपी के लिए 2019 में कमजोर साबित हुए क्षेत्र को पहले दुरुस्त करने का प्लान बनाया है. इसके लिए मथुरा बेहद अहम क्षेत्र माना जा रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 27 संसदीय सीटों में से बीजेपी को 19 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 8 सीटें विपक्ष के खाते में गई थी. अब भाजपा की रणनीति है कि पश्चिम और ब्रज की सभी 27 सीटों पर जीत हासिल की जाए. इसके लिए इस इलाके में मथुरा से ब्रजवासियों का जुड़ाव बेहद अहम माना जाता है. सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी ने इसी वजह से कहा है कि अब काशी, केदारनाथ, महाकाल और अयोध्या की तर्ज पर ही मथुरा का विकास होगा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप करने की योजना के तहत भाजपा अभी से काम कर रही है. यूपी के क्षेत्रीय हिस्सों को देखें तो पूर्वांचल क्षेत्र में 26 लोकसभा सीटें हैं. वहीं अवध में लोकसभा की 23 सीट है. ऐसे में भाजपा के लिए पूर्वांचल में काशी विश्वनाथ का विकास तो अवध में अयोध्या का राम मंदिर दो बड़ा मुद्दा रहने की उम्मीद है जिसके सहारे हिंदू वोटों की गोलबंदी की जा सकती है. इन दोनों इलाकों के अलावा पश्चिमी क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र के तहत आने वाली 27 लोकसभा सीटों पर मथुरा से पीएम मोदी साधने की कोशिश में हैं.
देश में सर्वाधिक लोकसभा सीटों वाले राज्य यूपी में भाजपा का यह फॉर्मूला अगर सफल रहा तो आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी सफलता मिल सकती है. भारत के हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए काशी, अयोध्या और मथुरा तीन ऐसे धर्म स्थल हैं जिस पर करोड़ों लोगों की आस्था जुडी है. भाजपा इसे भुनाने की तैयारी में अभी से लगी है. विशेषकर मथुरा को लेकर हमेशा से पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगता रहा है कि वहां के विकास और ब्रज की सांस्कृतिक महत्ता को प्रमुखता नहीं दी गई. इस वजह से इस इलाके में हर वर्ष आने वाले धार्मिक पर्यटकों को कई प्रकार की असुविधा होती है. वहीं इससे ब्रज के इलाके में स्थानीय लोगों का विकास भी नहीं हो रहा है. अब पीएम मोदी ने यहां की क्षेत्रीय महत्ता और उससे जुडी भावनाओं को ध्यान में रखकर मथुरा से यूपी को साधने का एक और संदेश दिया है. ऐसे में अगर बीजेपी अपनी इस योजना में सफल रही तो पूर्व में शिव, अवध में राम तो पश्चिम में श्रीकृष्ण के सहारे 80 लोकसभा सीटों पर कमल खिल सकता है.