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पटना में बोले स्वामी चक्रपाणी जी महाराज, कहा भविष्य में श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सभी जाति-वर्ग के सनातन कलमजीवियों का बनेगा महाकुंभ स्थल

पटना में बोले स्वामी चक्रपाणी जी महाराज, कहा भविष्य में श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर सभी जाति-वर्ग के सनातन कलमजीवियों का बनेगा महाकुंभ स्थल

PATNA : अखिल भारतीय हिन्दु महासभा और संत महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज ने कहा कि पटना के श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर जिसकी अपनी एक अति प्राचीन परम्परा है, जिसमें नंद वश के महामात्य मुद्राराक्षस से होते हुए राजा टोडरमल तक और वर्तमान में जिस प्रकार डॉ0 आर0 के0 सिन्हा जी ने इसका सर्वांगीण विकास किया है। उससे न केवल बिहार बल्कि पूरे विश्व के सनातनधर्मी कायस्थों को श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर एक उपहार के रूप में मिला है। यह निश्चित रूप में आने वाले भविष्य में समस्त कायस्थों का महाकुंभ स्थली होगा। यह मंदिर अनेक एतिहासिक उतार चढ़ाव का साक्षी रहा है, यह अपने आप में एक सिद्ध स्थल है। 

स्वामी जी ने बोलते हुए कहा कि विश्व के सनातनधर्मी कायस्थ और सभी जाति-वर्ग के सनातन कलमजीवी आर0 के0 सिन्हा जी का ऋणी रहेगा। जिन्होंने इस मंदिर की पुनर्प्रतिष्ठा एवं निर्माण हेतु अपने भौतिक संसाधनों का पूरी तरह से भगवान चित्रगुप्त के चरणों में अर्पित कर दिया। यह एक प्रेरणादायी स्थल है जो समस्त सनाधन हिन्दुओं के लिए आदर्श होगा, जो धर्म परिवर्तन कर क्रिश्चियन, पारसी, मुसलमान आदि धर्म अपनाते हैं और स्वधर्म का परित्याग कर देते हैं। 

डॉ0 आर0 के0 सिन्हा ने भगवान की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर पुर्ननिर्माण के लिए वर्ष 2006 में अपने सम्पूर्ण करोड़ों की सम्पत्ति को समर्पित करके  इस मंदिर को बचाया। आज पटना के समस्त मंदिर समिति के सदस्य उनके नेतृत्व में सुचारू रूप में कार्य कर रहे और मंदिर का उत्थान हो रहा है। भगवान चित्रगुप्त की कृपा से आर0 के0 सिन्हा ने 2008 में 300 करोड़ की जो सम्पत्ति गिरवी रख दिया था, वह अब 12 हजार करोड़ हो गया है। ऐसे महान व्यक्तित्व और धर्मनिष्ठ व्यक्ति का त्याग युगों-युगों तक याद किया जायेगा। जैसे भगवान शिव के भक्त हुए बैद्यनाथ जिन्होंने अपना तन, मन, धर्म भगवान की भक्ति कर सब कुछ न्योछावर कर दिया। जिनके नाम से आज बैद्यनाथ धाम है। ऐसे ही आर0 के0 सिन्हा जी ने इस प्राचीन मंदिर का पुर्ननिर्माण कर भगवान चित्रगुप्त की भक्ति की मिशाल कायम की है जो आने वाले युगों-युगों में याद किया जायेगा।

अन्त में स्वामी जी ने कहा कि जो कलम दवात की पूजा करने वाले वर्ष में यमद्वितिया के दिन भगवान की पूजा कर इतिश्री कर लेते थे। उसे आर0 के0 सिन्हा ने हर महीने संगत-पंगत के माध्यम से पूरे विश्व में जोड़ा और जागृत किया है। अपनी संस्कृति धर्म और समाज को जोड़ने का काम किया है, यह निश्चित रूप में भौतिक जगत और अध्यात्म स्तर पर समाज को उठाने में मिल का पत्थर साबित होगा। स्वामी जी ने मंदिर समिति के समस्त पदाधिकारियों एवं समाजसेवियों को धन्यवाद किया और मंगल कामना एवं आशीर्वाद दिया। इसी प्रकार पूरे विश्व में श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर जैसा कार्य हो और समाज का उत्थान हो।

पटना से रजनीश की रिपोर्ट

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