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नीतीश के पक्ष में पहली बार खड़े हुए सुधाकर सिंह, सीएम की मांग को बताया 100 प्रतिशत जायज, कहा- 21 सालों से किया जा रहा प्रयास...

नीतीश के पक्ष में पहली बार खड़े हुए सुधाकर सिंह, सीएम की मांग को बताया 100 प्रतिशत जायज, कहा-  21 सालों से किया जा रहा प्रयास...

PATNA: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 दिसबंर यानी रविवार को बिहार आ रहे हैं। यहां वह क्षेत्रीय परिषद का बैठक करने आ रहे हैं। अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक होगी। यह बैठक लगभग आठ सालों के बाद फिर से  पटना में होने जा रही है। इस बैठक में कई राज्य के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के सीएम इस बैठक में हिस्सा लेंगे। बिहार सरकार गृह मंत्री के आने को लेकर हर तैयारियां कर रही है। बताया जा रहा कि इस बैठक में बिहार सहित देश अन्य चार राज्यों के लिए भी बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। इस बैठक को लेकर बिहार की राजनीति भी गरमाई हुई है। कांग्रेस को तीन राज्यों में मिली हार के बाद सीएम नीतीश के पलटी मारने की अटकलें के बाद फिर राजनीतिक बाजार में लगाए जा रहे हैं। वहीं अमित शाह के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक पर जदयू राजद के नेता सवाल भी उठा रहे हैं। 

बैठक से नहीं है कोई उम्मीद

इसी कड़ी में राजद विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने भी इस बैठक को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि, उनको इस बैठक से कोई उम्मीद नहीं है। बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार कुछ नहीं करने वाली है। सुधाकर सिंह ने कहा कि, नरेंद्र मोदी की सरकार में पूर्वी क्षेत्रीय दलों की बैठक तो हुई लेकिन बैठक में बिहार के लिए अब तक कुछ नहीं किया गया है। बिहार के विकास पर केंद्र सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया है। राज्य में लंबे समय से कोसी डैम की मांग की जा रही है। जिसमें लगभग एक लाख करोड़ का खर्च है। लेकिन केंद्र सराकर ने आज तक इस मामले में कोई चर्चा नहीं की है। 

बिहार के विकास पर ध्यान नहीं देती केंद्र सरकार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। नीतीश के मांग का समर्थन करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि, "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसकी मांग 2002 से तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने की थी और आज 21 साल से यह मांग लगातार केंद्र सरकार से उठ रही है। अगर कोई कानून विशेष राज्य के दर्जे में बाधा बन रहा है तो विशेष सहायता में तो कोई दिक्कत नहीं है, उसको तो दिया जा सकता है। अगर बिहार को विशेष सहायता मिलती है तो बिहार में एजुकेशन सिस्टम, शहरीकरण सिस्टम, कोसी परियोजना अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधा पर काम किया जा सकता है। केंद्र सरकार बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों पर कभी ध्यान नहीं देने वाली है।"

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