बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

कभी सुखाड़ तो कभी बाढ़ की मार झेल रहे गन्ना किसान, बाढ़ के पानी में बर्बाद होने के कगार पर गन्ना के फसल, बढ़ने लगी गन्नाचल के किसानों की चिंता

कभी सुखाड़ तो कभी बाढ़ की मार झेल रहे गन्ना किसान, बाढ़ के पानी में बर्बाद होने के कगार पर गन्ना के फसल, बढ़ने लगी गन्नाचल के किसानों की चिंता

GOPALGANJ : जिले के गन्ना किसान पहले सूखे की मार झेल रहे अब बाढ़ के कारण बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। गंडक के पानी किसानों के खेतो में पांच फीट बह रहा है। जिससे सदर समेत छः प्रखंड दियारा इलाके के हजारों एकड़ में लगी गन्ना की फसल बर्बाद होने की आशंका से किसानों की चिंता बढ़ गयी है।

फसल को पानी में डूबा देख चिंतित किसान।

दरअसल गोपालगंज जिला गन्नाचल के नाम से जाना जाता है। यहां अत्यधिक मात्रा में किसान गन्ना की खेती पर आश्रित है। लेकिन इन गन्ना किसानों की मुश्किले कम नहीं हो रही। यही कारण है कि गन्ना किसान अब गन्ने की खेती से हो रही घाटे के कारण अब छोड़ने के कगार पर है। पहले बारिश नहीं होने से गन्ना की फसल सूखे की चपेट में आ गयी थी। हजारों एकड़ में लगी गन्ना की फसल सूखने लगी थी। इस बीच बारिश शुरू होने से किसानों ने राहत की सांस ली ही थी कि बाढ़ उनके लिए मुसीबत बन कर आ गयी। 

गंडक में आए पानी ने सब किया बर्बाद

बाल्मिकी बराज से पिछले कुछ दिन पहले करीब 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी उफान पर आ गयी है। हजारों एकड़ में लगी गन्ना की फसल जलमग्न हो गयी है। जिससे गन्ना की फसल जलमग्न होने से बर्बाद होने की आशंका दिखने लगी है। जिससे लगभग लाखो क्विंटल गन्ने की फसल को क्षति होने का अनुमान जताया जा रहा है। भारत सुगर मिल्स के उपप्रवंधक आशीष खन्ना ने बताया कि गन्ना की फसल के बर्बाद होने का असर मिल के पेराई सत्र पर भी पड़ेगा। 

बता दें की सिधवलिया स्थित भारत शुगर मिल द्वारा बाढ़ प्रभावित दियारे व निचले इलाके में  करीब 36 हजार हेक्टेयर में लगी गन्ना की फसल में से 8 हजार हैक्टेयर फसल बाढ़ कें पानी में डूब चुकी है। खेतों में भारी जलजमाव बना हुआ है। धूप के उगते ही पौधे मुरझाने लगे हैं। फसल की दुदर्शा व बर्बादी को देख किसान अपना छाती पीट रहे हैं। बाढ़ से छः प्रखंड के पचास फीसदी से अधिक फसल  नष्ट हो जाने की आशंका हैं। जुलाई महीने में ही बाढ़ से गन्ना की फसल बर्बाद हो जाने से चीनी मिलों के समक्ष भी संकट गहराने लगा है। 

बटईया पर लगाए थे गन्ना

पिछले एक दशक से प्रायः अगस्त-सितम्बर के महीने में नदी में बाढ़ आती थी। तब तक पौधे बड़े हो जाते थे। बाढ़ आने पर भी पौधे पूरी तरह नहीं डूबते थे। इस वर्ष गन्ने के पौधे अब तीन फुट के ही हुए थे कि बाढ़ आ गई। फसलें पानी में डूबकर सड़कर बर्बाद होने लगे हैं। जो बचे हैं वो अब सूख जाएंगे। हीरापाकड़  गांव के दूधनाथ प्रसाद 10 से 12 एकड़ में कर्ज लेकर और बटईया पर गन्ना लगाए थे। लेकिन बाढ़ के पानी में गन्ना डूब जाने के कारण अब उनके सामने समस्या उत्पन्न हो गई। इसी तरह  राघव प्रसाद 10 एकड़ में गन्ना की खेती किए थे इनकी भी गन्ना पानी में डूब गई। साथ ही गन्ना किसान सुरेश प्रसाद ने 7एकड़ में और आशीर्वाद प्रसाद 8 एकड़ में गन्ना किं खेती कर रखी थी। जिसका गन्ना अब बाढ़ में डूब गए हैं।

इन पीड़ित किसानों ने बताया कि गन्ना के गाभा में बाढ़ का पानी घुस जाने के बाद फसल बर्बाद हो जाते हैं। जिसके कारण जब पानी खत्म होगा तो ये गन्ना के पौधे गिर कर बर्बाद हो जायेंगे। प्रभावित किसानों ने बताया की मक्का और गन्ने की फसल भी काफी अच्छी हुई थी। इससे किसानों में एक उम्मीद जगी कि इस बार फसल अच्छी होगी और पैदवार बढ़ेंगे। 

किसानों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। लेकिन, किसानों की खुशियां और उम्मीद अधिक दिन तक बरकरार नहीं रहीं। अत्यधिक बारिश और बाल्मीकि नगर बराज से छोड़े गए 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी से आई बाढ़ ने सब कुछ खत्म कर दिया। गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में गोपलगंज जिले का दियारा क्षेत्र अव्वल माना जाता है। लेकिन क्षेत्र में दो माह पहले आई बाढ़ के कारण फसल बर्बाद हो चुकी है। जिससे किसानों के सामने संकट गहरा गया है।

बीस हजार से अधिक किसान प्रभावित

गोपालगंज में गन्ना एक 'कैश क्रॉप' है। जिले में सिधवलिया व गोपालगंज चीनी मीलें संचालित हैं। इन चीनी मीलों में किसान अपना गन्ना बेचते हैं। इससे दियारे के गन्ना उत्पादक बीस हजार से अधिक किसानों के परिवार की दो जून की रोटी से लेकर शादी- विवाह व बच्चों की पढ़ाई निर्भर है। ऐसे में गन्ना किसानों को साहूकारों से लिये गए कर्ज, रोटी व बेटी की शादी की चिंता सताने लगी।

REPORT - MANAN AHMAD  

Suggested News