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गरीबी और पैसे की कमी के कारण 11 वीं में एडमिशन नहीं करा पाने का गम, निराश बेटी के साथ पिता ने की आत्महत्या

गरीबी और पैसे की कमी के कारण 11 वीं में एडमिशन नहीं करा पाने का गम, निराश बेटी के साथ पिता ने की आत्महत्या

MERUTH : एक तरफ देश के हर राज्यों में बेटियों की पढ़ाई मुफ्त कर दी गयी है। वहीं इसके बाद भी एक पिता पुत्री ने सिर्फ इसलिए जहर खाकर अपनी जान दे दी, क्योंकि बेटी का एडमिशन 11वीं में नहीं हो सका। बताया गया कि किशोरी 11वीं में एडमिशन चाहती थी, लेकिन बेबस पिता उसके एडमिशन के लिए पैसे का इंतजाम नहीं कर सका। इसी बेबसी में पिता ने बेटी को जहर देकर खुद भी सुसाइड कर लिया। 

यह दिल दहलानेवाली घटना मेरठ जिले के दौराला इलाके के चिरौड़ी गांव का है। मृतकों की पहचान जोगेंद्र प्रजापति और उसकी 17 साल की बेटी खुशी प्रजापति के रूप में की गई है. पुलिस ने बताया कि जोगेंद्र पत्नी लता के साथ भट्ठे पर मजदूरी करता था। परिवार मे बेटी खुशी (17) के साथ शीतल (13), शिवानी (10) और बेटा शिवम (8), रजत (5) हैं। खुशी ने गांव के ही स्कूल सरस्वती शिक्षा निकेतन से 10वीं पास की थी। अब खुशी दूसरे स्कूल में 11वीं में एडमिशन चाहती थी। आर्थिक रूप से कमजोर जोगेंद्र एडमिशन नहीं करवा पा रहा था। इसको लेकर वो दुखी थी।

गुरुवार दोपहर को जोगेंद्र भट्‌ठा पर काम करने नहीं गया। लता अकेली गई, खुशी को छोड़कर बाकी बच्चे घर से बाहर खेल रहे थे। पुलिस के मुताबिक जोगेंद्र ने पहले बेटी को जहर दिया, फिर खुद भी पी लिया। शाम को करीब 5 से 6 बजे के बीच में जब लता घर लौटी, तब दोनों तड़पते मिले। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, मगर देर शाम दोनों ने दम तोड़ दिया।

परिवार बड़ा था, इसलिए गुजारा मुश्किल हुआ

गरीबी के कारण एक परिवार के दो लोगों के सुसाइड करने की खबर से सरकारी महकमा में हड़कंप मच गया। देर रात एसडीएम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। देखा परिवार के पास आयुष्मान कार्ड सहित राशन कार्ड भी था। परिवार ने बताया कि हर महीने राशन मिलता है लेकिन परिवार बड़ा होने के कारण इससे गुजारा नहीं हो पाता।

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