बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

भारत की पहली महिला शासक जो ताकतवर अफ्रीकी गुलाम को दिल ही नहीं शरीर भी सौंप दी..अंतरंग संबंधों और बेपनाह इश्क की कहानी आज भी चटख है...पढ़िए

भारत की पहली महिला शासक जो ताकतवर अफ्रीकी गुलाम को दिल ही नहीं शरीर भी सौंप दी..अंतरंग संबंधों और बेपनाह इश्क की कहानी आज भी चटख है...पढ़िए

पटना- ये इश्क नहीं आसां,इक आग का दरिया है डूब के जाना है.गालिब का शेर रजिया पर फिट बैठता है. जी हां वहीं रजिया जिसे  भारत की पहली महिला शासक होने का गौरव प्राप्त है. शमशुद्दीन इल्तुतमिश की बेटी रजिया सुल्तान ने दिल्ली की गद्दी पर बैठकर 1236 से 1240 ई. सिर्फ 4 साल तक ही राज किया, लेकिन वह इतिहास  में अमर हो गई.रजिया सुल्तान को अपने सलाहकार जमात-उद-दिन-याकूत से इश्क हो गया, याकूत भी रजिया को चाहता था.लेकिन यह चाहत मुसलिम सरदारों को पसंद नहीं थी,कारण था कि याकूत तुर्क नहीं था.

फैज ने लिखा "गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा ,गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं" बाजी हार भी गए तो क्या? निकाह तो रजिया का यकूत से नहीं हो सका लेकिन रजिया सुलतान ने अपने पहले इश्क को किसी छुपाया भी नहीं. रजिया का याकूत से अंतरंग संबंध होने के बाद भी निकाह न हो सका लेकिन मरते दम तक रजिया उसे भूल न पाई. रज़िया सुल्तान के प्रेमी जम्माल उद्द दीन यकूत अफ्रीकी सिंधी गुलाम एक कुलीन व्यक्ति था. जो भारत में दिल्ली सल्तनत की पहली और एक मात्र महिला सम्राट रजिया सुल्तान का करीबी और विश्वास पात्र था. यकूत रजिया सुल्तान की सौतेली मां का अफ्रीकी गुलाम था. लेकिन कुछ समय बाद वह दिल्ली सल्तनत का एक भरोसे मंद सैनिक बन गया. रजिया सुल्तान के संरक्षण ने उसे दरबार का एक प्रभावशाली सदस्य बना दिया, यकूत अपनी वफादारी और बहादुरी के लिए जाना जाता था. 

याकूत भी रजिया को चाहता था. रजिया और याकूत दोनों का इश्क मुसलमान शासकों पसंद नहीं आया.रजिया ने युद्ध के घोड़ों की जिम्मेदारी देते हुए याकूत को घुड़शाला का अधिकारी नियुक्त कर दिया था. इसको लेकर मुस्लिम राजवंश के सूबेदारों का काफी गुस्सा था, वह नहीं चाहते थे कि रजिया सुल्तान और याकूत का निकाह हो. बाद में याकूत युद्ध मारा गया. 

रजिया दिल्ली की सल्तनत को महफूज देखना चाहती थीं, इसलिए पिता से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए रजिया सुल्तान ने अल्तुनिया से निकाह कर लिया. रजिया ने अल्तुनिया से निकाह तो किया लेकिन अपने पहले इश्क याकूत को नहीं भुला पाई और उसे मरते दम तक चाहती रहीं. 

रजिया  सुल्तान को पर्दा प्रथा का विरोध करने के कारण याद किया जाता है.रजिया सुलतान ने  न केवल पर्दा प्रथा का विरोध किया,स्वयं  भी पर्दें को  त्याग दिया. रजिया सुल्तान सैनिकों की तरह ही कोट और पगड़ी पहन कर अपने दरबार में रहती थीं. सत्ता संभालने के बाद रजिया सुल्तान ने रुढ़ि को छोड़कर पुरुष सैनिकों की तरह कोट और पगड़ी पहनने लगीं. इसके साथ ही वह युद्ध में भी बिना हिजाब  शामिल होती थीं. . यहीं वजह थी कि मुसलमान सरदार रजिया से जलते थे. दिल्ली सल्तनत की  रजिया सुल्तान को भारत की ही नहीं वरन विश्व की भी पहली महिला शासक माना जाता है. भाई ने बगावत की तो 14 अक्टूबर 1240 को रजिया व उसकी बहन सजिया को हरियाणा के पास कैथल में मार डाला गया. दोनों बहनों की कब्र पुरानी दिल्ली के तुर्कमान गेट के पास है. कहा जाता है कि युद्द में रजिया ने अपनी इज्जत बचाने के लिए याकूत को याद करते हुए खुद को तलवार मार ली थी  और जान दे दी. अहमद फराज के शब्दों में -

तू ख़ुदा है न मिरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा, दोनों इंसाँ हैं तो क्यूँ इतने हिजाबों में मिलें

Suggested News