PATNA : लगभग ढाई माह से एसवीयू से बचने की कोशिश में लगे मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बीते गुरुवार को पूछताछ के लिए विशेष निगरानी इकाई के सामने आने पर मजबूर होना पड़ा। जहां उनके आवास से बरामद नगदी सहित विवि में किए गए वित्तीय गड़बड़ी को लेकर सवाल पूछे गए। बताया गया कि लगभग डेढ़ घंटे तक चली पूछताछ में वीसी राजेंद्र प्रसाद किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
एमयू में हुई खरीदी पर बुरी तरह से घिरे
एमयू के वीसी डा. राजेंद्र प्रसाद गुरुवार लगभग 12 बजे के करीब एसवीयू के कार्यालय पहुंचे। जहां केस के आईओ डीएसपी सुधीर कुमार ने उनसे पूछताछ शुरू की। हालांकि अदालत से जुड़े जरूरी काम के चलते अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी को जाना पड़ा, जिसके कारण पूछताछ का यह दौर सिर्फ डेढ़ घंटे तक ही चल सका। इस दौरान विवादित वीसी से सबसे पहले मगध विवि के कुलपति रहते 30 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित सवाल दागे गए। ओएमआर शीट की खरीदारी समेत ई-लाइब्रेरी और अन्य मदों के किए गए भुगतान के बाबत उनसे पूछताछ हुई। जरूरत नहीं होने के बावजूद खरीद का ऑर्डर देने और बगैर जांच-पड़ताल के ही राशि का भुगतान करने को लेकर एक के बाद एक सवाल दागे गए।
घर से बरामद पैसों को बताया अपना
एसवीयू के अधिकारियों के सवालों की फेहरिस्त में घर से बरामद 95 लाख नगद के अलावा 5 लाख की विदेशी कैरेंसी समेत अन्य जायदाद के स्रोत भी थे। सूत्रों के मुताबिक उनसे पूछा गया कि इतनी नगद राशि कहां से और कैसे आई? पिछले कुछ वर्षों में खरीदी गई अन्य संपत्तियों के स्रोत को भी जानने का प्रयास किया गया। बताया जाता है कि नगद राशि को वह अपना बताते रहे पर इसके स्रोत को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस दौरान वह सफाई देते दिखे पर उनके जवाब में न तो दम था, न ही वह पूछताछ में शामिल अफसरों को जवाब से संतुष्ट कर पाए।
दोबारा होगी पूछताछ
वीसी डॉ. राजेंद्र प्रसाद को करीब 1.45 बजे उन्हें जाने की इजाजत दी गई। बताया जाता है कि गुरुवार की पूछताछ में उन्होंने जो जवाब दिए उसका विश्लेषण होगा, फिर दोबारा से पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया जाएगा।
पूछताछ से बचने की कर रहे थे कोशिश
गौरतलब है कि विशेष निगरानी इकाई ने मगध विवि में 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 17 नवम्बर को कुलपति के तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी। तलाशी में गोरखपुर स्थित घर से 95 लाख कैश के अलावा विदेशी मुद्रा, कई जमीन-जायदाद के कागजात मिले थे। उन्हें जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए पहले 3 जनवरी को बुलाया गया था पर नहीं आए। इसके बाद उन्हें दूसरी नोटिस जारी करते हुए 20 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया था।