अगरतला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प देने में भी त्रिपुरा अहम भूमिका निभा सकता है. यहां बने बांस के झाड़ू, बांस की बोतलें, ऐसे प्रोडक्ट्स के लिए बहुत बड़ा बाज़ार देश में बन रहा है. इससे बांस के सामान के निर्माण में हज़ारों साथियों को रोज़गार, स्वरोज़गार मिल रहा है.
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगरतला में महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने त्रिपुरा के लोगों से अपील की कि देश को प्लास्टिक का विकल्प देने में बांस महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. देश में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक उत्पादों को वैकल्पिक उत्पाद से बदलने की जरूरत है जिसमें बांस महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को आधुनिक बनाने वाले नौजवान मिलें, इसके लिए देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है. इसमें स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर भी उतना ही जोर दिया गया है. त्रिपुरा के विद्यार्थियों को अब मिशन-100 विद्या ज्योति अभियान से भी मदद मिलने वाली है.
पूर्व की कांग्रेस सरकार पर बरसते हुए मोदी ने कहा कि पहले की सरकार ने व्यवस्था बनाई थी कि जिस घर में लोहे की चादर से बनी छत बनेगी उसे कच्चा घर नहीं मना जाएगा. यानी घर भले ही मिट्टी के हो लेकिन छत पर लोहे की चादर होने से उस घर को कच्चा नहीं मना जाता था इसकी वजह से त्रिपुरा के हज़ारों ग्रामीण परिवार PM आवास योजना से वंचित थे.
उन्होंने कहा कि पहले यहां भ्रष्टाचार की गाड़ी रुकने का नाम नहीं लेती थी और विकास की गाड़ी पर ब्रेक लगा हुआ था. पहले जो सरकार यहां थी उसमें त्रिपुरा के विकास का ना विजन था और ना ही उसकी नीयत थी. गरीबी और पिछड़ेपन को त्रिपुरा के भाग्य के साथ चिपका दिया गया था. उन्होंने हीरा शब्द को त्रिपुरा से जोड़ते हुए कहा कि H से highway, I से Internet way, R से railways और A से Airways. आज हीरा मॉडल पर त्रिपुरा अपनी कनेक्टिविटी सुधार रहा है, अपनी कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है.