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बागियों को मनाने में फेल रहे उद्धव ने फिर चला इमोशनल दांव, कहा - मैं काबिल नहीं, तो पार्टी छोड़ने को भी हूं तैयार

बागियों को मनाने में फेल रहे उद्धव ने फिर चला इमोशनल दांव, कहा - मैं काबिल नहीं, तो पार्टी छोड़ने को भी हूं तैयार

MUMBAI : महाराष्ट्र में पिछले चार दिन से चल रहे राजनीतिक घमासान खत्म होती नजर नहीं आ रही है। जहां शिवसेना के बागी विधायकों की टोली गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। अब तक बागी विधायकों को मनाने में नाकाम रहने के बाद उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर से अपने विधायकों के इमोशनल दांव चला  है। उन्होंने बीती रात कहा है कि वह पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन शिवसेना को बिखरते नहीं देख सकते हैं।

मैं असमर्थ हूं तो छोड़ देता हूं पार्टी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आपको लगता है कि मैं बेकार हूं और पार्टी चलाने में असमर्थ हूं, तो मुझे बताएं। मैं खुद को पार्टी से अलग करने के लिए तैयार हूं, आप बता सकते हैं। आपने अब तक मेरा सम्मान किया क्योंकि बालासाहेब ने ऐसा कहा था। अगर आप कहते हैं कि मैं अक्षम हूं, तो मैं इस समय पार्टी छोड़ने को तैयार हूं।

हमारी पीठ में छुरा घोंपा

कांग्रेस-NCP आज हमारा समर्थन कर रही है, शरद पवार और सोनिया गांधी ने हमारा समर्थन किया लेकिन हमारे ही लोगों ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा। हमने ऐसे लोगों को टिकट दिया जो जीत नहीं सकते थे और हमने उन्हें विजयी बनाया। उन्हीं लोगों ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा। मातोश्री में एक मीटिंग के दौरान शिवसेना चीफ उद्धव ने कहा कि ठाकरे (बाला साहेब) का नाम लिए बिना ये लोग (बागी विधायक) नहीं रह सकते हैं। कभी शिवसेना के लिए मरने की बात कहते थे, अब पार्टी तोड़ना चाहते हैं।  उद्धव ने कहा  मैंने CM हाउस छोड़ा है, मुख्यमंत्री का पद नहीं। 


माना - शिंदे ने दिए थे बगावत के संकेत

उद्धव ठाकरे ने पहली बार इस बात को माना है कि शिंदे ने मुझे कहा था कि उन्होंने मुझसे कहा कि एनसीपी-कांग्रेस हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है और विधायक चाहते हैं कि हम बीजेपी के साथ जाएं। मैंने उनसे कहा था कि जो विधायक ऐसा करना चाहते हैं उन्हें मेरे पास लाओ। कुछ दिन पहले जब मुझे बगावत का शक हुआ तो मैंने एकनाथ शिंदे को फोन किया और कहा कि शिवसेना को आगे ले जाने का अपना कर्तव्य निभाओ, ऐसा करना सही नहीं है। 

भाजपा के साथ जाने का सवाल ही नहीं

उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट की उस मांग को भी खारिज कर दिया, जिसमें भाजपा के साथ सरकार बनाने की बात कही गई थी। उद्धव ने कहा कि भाजपा, जिसने हमारी पार्टी, मेरे परिवार को बदनाम किया है, वही है जिसके साथ जाने की आप बात कर रहे हैं। ऐसा सवाल ही नहीं उठता। विधायक अगर वहां जाना चाहते हैं तो वे सभी जा सकते हैं। मैं नहीं रोकूंगा। अगर कोई जाना चाहता है, चाहे वह विधायक हो या कोई और। आओ और हमें बताओ और फिर जाओ।

अब नहीं होगी बात

शिवसेना ने यह साफ कर दिया है कि अब कोई बात नहीं होगी। पार्टी के चाणक्य संजय राउत ने साफ शब्दों में कहा कि बातचीत का वक्त खत्म हो गया है। अब हम बागियों को बताएंगे कि शिवसेना क्या है? अब हम हार नहीं मानेंगे। फ्लोर टेस्ट होने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। मुंबई आकर लड़ाई करें, फिर परिणाम दिखेगा।

शिवसेना के 16 बागी MLA को जारी होगा नोटिस

इसके बाद शरद पवार समेत एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने आगे की रणनीति पर बैठक की. शाम होते-होते विधानसभा सचिवालय में शिवसेना के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्‌द करने की अपील पर मंथन हुआ। शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर बागी हुए 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. इस पर विधानसभा सचिवालय में महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी के साथ बैठक हुई. इसमें अरविंद सावंत, अनिल देसाई मौजूद रहे। इस  बीच यह खबर भी सामने आई है कि शिवसेना के सांसदों में विरोध के सुर नजर आ रहे हैं।

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