NEW DELHI : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक मंगलवार को उनकी जयंती पर राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इसे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य हस्ती इस दौरान राजघाट के नजदीक स्थित 'सदैव अटल' स्मृति स्थल पर आयोजित प्रार्थना में हिस्सा लेंगे।
कल से आम लोग भी कर सकेंगे श्रद्धा सुमन अर्पित
25 दिसम्बर से ही देश-दुनिया के लोग दिल्ली के ‘सदैव अटल’ स्थल पर पहुंचकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। वाजपेयी की यह समाधि राष्ट्रीय स्मृति और विजय घाट के बीच फैले 11 एकड़ भूभाग के मध्य करीब डेढ़ एकड़ में बनकर तैयार हो चुका है। इसका निर्माण रिकॉर्ड समय 45 दिन में हुआ है। अटलजी के जन्मदिन पर ही प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य विशिष्ट महानुभाव श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।
खास है ‘सदैव अटल’
यह सिर्फ संयोग नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि-स्थल पर करीब 27 किलोग्राम का एक दीपक मौजूद रहेगा। यह देश की राजधानी में अवस्थित 'अमर जवान' ज्योति की तरह अनवरत प्रज्ज्वलित रहेगा। यह भी ध्यान देने की बात है कि समाधि मूल रूप से ग्रेनाइड के नौ बड़े पत्थरों के आधार पर निर्मित हुआ है। इन पत्थरों पर दिख रही हैं कमल की नौ पंखुड़ियां। इन पंखुड़ियों के सामने ही नौ द्वार है।
अटल की याद दिलाता रहेगा
देश की राजधानी दिल्ली में बापू की समाधि 'राजघाट' के समीप राष्ट्रीय स्मृति और लाल बहादुर शास्त्री की समाधि 'विजय घाट' के बीच अटल जी का स्मृति स्थल है। 'सदैव अटल' का निर्माण न केवल अपने अलग तरीके के निर्माण, बल्कि अटल जी के गैर कांग्रेसी प्रथम पूर्णकालिक सरकार की भी याद दिलाएगा। यह देश में उस राजनीतिक धारा की याद दिलाता रहेगा, जो कई दशक के संघर्ष के बाद एक बेहतर विकल्प दे सका।