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अयोध्या में राम लला की मूर्तियों का निर्माण मुसलमान शिल्पकारों से कराने की सच्चाई जानकर हो जाएंगे हैरान, चौंकने वाली हकीकत का जानिए सच

अयोध्या में राम लला की मूर्तियों का निर्माण मुसलमान शिल्पकारों से कराने की सच्चाई जानकर हो जाएंगे हैरान, चौंकने वाली हकीकत का जानिए सच

DESK. लम्बे संघर्ष और इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान राम का विशाल मंदिर निर्माणाधीन है। अगले वर्ष 22 जनवरी 2024 को इस मंदिर में रामलला एवं अन्य विग्रहों की प्राण  प्राण प्रतिष्ठा होगी। इन सबके बीच मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें जोर-शोर से चलाई जा रही है कि अयोध्या में राम मंदिर में स्थापित करने के लिए श्री राम की जो मूर्तियां बनाई जा रही हैं उन मूर्तियों की शिल्पकार मुस्लिम बिरादरी से आते हैं। हालांकि सच्चाई पूरी तरीके से भिन्न है। अब इसे लेकर मन्दिर प्रशासन ने एक बयान भी जारी किया है। 
दरअसल, भगवान राम की कई मूर्तियाँ अयोध्या के मुख्य स्थलों पर लगाने की भी तैयारी है। उन्हें गढ़ने में जमालुद्दीन और उनका बेटा शामिल हैं। दोनों मुस्लिम समुदाय से आते हैं। लेकिन, ये लोग मुख्य प्रतिमा नहीं बना रहे। फाइबर की प्रतिमाओं को मुख्यतः सजावट के लिए उपयोग में लाया जाता है, उन्हें मंदिर के भीतर स्थापित नहीं किया जाता।
जमालुद्दीन और उसका बेटा ऐसी मूर्तियाँ बना रहे जिन्हें मंदिर से बाहर लगाया जाना है और उन्हें बनाने में फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है ताकि वो हर मौसम और परिस्थिति को बर्दाश्त कर सकें। नॉर्थ 24 परगना के रहने वाले बाप-बेटों को ये काम ऑनलाइन खोजने पर मिला था और फिर अयोध्या से उन्हें ऑर्डर मिला। ऐसी आदमकद प्रतिमा बनाने में इन मुस्लिम शिल्पकार की टीम को एक-डेढ़ महीने लगते हैं और इसमें 30-35 लोग मेहनत करते हैं।
रामलला की मुख्य प्रतिमा को लेकर ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि गणेश भट्ट, कर्नाटक के अरुण योगीराज और जयपुर के सत्यनारायण पांडेय ये प्रतिमाएँ बना रहे हैं। 2 मूर्तियाँ कर्नाटक और एक राजस्थान के पत्थर से बन रहे हैं। नेपाल, ओडिशा और महाराष्ट्र से भी पत्थर आए थे, लेकिन उन्हें मुख्य प्रतिमा के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। गणेश भट्ट नेल्लिकारु रॉक (कृष्ण शिला) से मूर्ति बना रहे हैं। वहीं अरुण योगीराज केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा गढ़ने के लिए जाने जाते हैं, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। तीनों ही हिंदू हैं और इनके द्वारा निर्मित प्रतिमा ही मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में विराजित होंगी। 

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