UP NEWS: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई संग रोजगार पर दिया जा रहा जोर

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ वर्षों के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। सरकार ने सरकारी स्कूलों में कान्वेंट विद्यालयों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर किया गया है।
स्मार्ट क्लास और ICT लैब्स के माध्यम से डिजिटल शिक्षा
योगी सरकार ने शिक्षा के स्तर को उच्च करने के लिए विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस और Information Communication Technology (ICT) लैब्स की स्थापना की है। इसके अलावा, विद्यार्थियों को टैबलेट भी दिए गए हैं, जिससे वे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। इस पहल ने शिक्षा में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा दिया है और छात्रों को नई तकनीकों से जुड़ने का अवसर मिला है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया है। यह कदम शिक्षा को एक नई दिशा देने के लिए उठाया गया है, जिससे छात्रों को बेहतर तकनीकी संसाधन मिल रहे हैं।
कौशल विकास और रोजगारपरक प्रशिक्षण
योगी सरकार ने सरकारी माध्यमिक स्कूलों में कौशल विकास की ट्रेनिंग भी शुरू की है, ताकि विद्यार्थी सिर्फ शिक्षा तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसर भी मिल सकें। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) और पॉलिटेक्निक संस्थानों के विशेषज्ञों की मदद से छात्रों को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे राज्य के युवाओं को कामकाजी कौशल प्राप्त हो रहा है, जिससे उनके रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री स्कूल्स फार राइजिंग इंडिया (PM SHRI)
प्रधानमंत्री स्कूल्स फार राइजिंग इंडिया (PM SHRI) योजना के तहत राज्य में 1,565 विद्यालयों में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल देना है। इसके अलावा, 6,481 सरकारी स्कूलों का पुनर्निर्माण भी किया गया है। यह कदम सरकारी शिक्षा को एक नया रूप देने के लिए उठाया गया है।
मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों में एक छत के नीचे प्री-प्राइमरी से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत प्रत्येक विद्यालय में लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्कूलों का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में 44 जिलों में यह कंपोजिट विद्यालय बनाए जाएंगे। इस पहल से प्रदेश के छात्रों को एक ही स्थान पर सभी शिक्षा स्तरों की सुविधाएं मिलेंगी और उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
आईटीआई का कायाकल्प
टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (TTL) के सहयोग से 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) का कायाकल्प किया गया है। दूसरे चरण में 62 और आईटीआई की सूरत TTL द्वारा संवारी जाएगी। इस परियोजना पर कुल 2,189 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 1,877 करोड़ रुपये TTL खर्च करेगा और बाकी राशि राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत, नए कोर्स शुरू किए जाएंगे और अत्याधुनिक कार्यशालाओं की स्थापना की जाएगी।
सीआइआइआइटी (CIIIT) का निर्माण
सेंटर फार इनोवेशन, इनवेंशन, इक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (CIIIT) के पांच सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इस परियोजना पर 1,132 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें राज्य सरकार 187.10 करोड़ रुपये का योगदान करेगी। TTL इस पर बाकी की धनराशि खर्च करेगा। इन सेंटरों पर AI, रोबोटिक्स और ड्रोन जैसे अत्याधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिससे छात्रों को नई तकनीकों में निपुणता प्राप्त होगी और वे भविष्य के लिए तैयार होंगे।
नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना
प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार किए गए हैं। छह नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है, जो सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मीरजापुर, देवीपाटन और मुरादाबाद मंडल में स्थित हैं। इन विश्वविद्यालयों में से तीन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है, और बाकी में भी शीघ्र पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी। इन विश्वविद्यालयों से छात्रों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना
योगी सरकार ने युवाओं के सशक्तिकरण के लिए स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत दो करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने का लक्ष्य रखा है। अब तक 50 लाख युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट दिए जा चुके हैं, जिससे उन्हें शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के अवसरों तक आसान पहुंच मिल रही है। यह योजना युवाओं को डिजिटल शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के साथ आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।