N4N DESK - छुट्टी नहीं मिलने के कारण एसबीआई के असिस्टेंट मैनेजर ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बताया गया ऑफिस ड्यूटी के कारण वह अपनी पत्नी और एक साल की बेटी के लिए समय नहीं निकाल पा रहा था। जिससे वह काफी परेशान था। इसी परेशानी में उसने आत्महत्या कर ली। मृत बैंक मैनेजर की पहचान आकाश के रूप में की गई है।
मामला कासगंज जिले के आवास विकास कॉलोनी का है। जहां आकाश पत्नी भावना और एक साल की बेटी के साथ रहता था। 2 दिन पहले, पत्नी भावना अपनी बेटी मिष्टि के साथ मायके गई थी। भावना ने बताया- सोमवार सुबह 8 बजे मैंने पति को कई बार फोन किया, लेकिन फोन नहीं उठा। फिर मैंने मकान मालिक अजीत सिंह को फोन मिलाया और पति के बारे में पूछा।
मकान मालिक ने खिड़की से देखा तो दी पुलिस को खबर
मकान मालिक ने रूम का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। खिड़की से झांक कर देखा तो आकाश का शव फंदे से लटका हुआ था। उन्होंने दरवाजा तोड़कर शव को निकाला। पुलिस और भावना को सूचना दी। सूचना मिलते ही पत्नी घर पहुंची। पति का शव देखकर बेहोश होकर गिर गई।
बैंक अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप
पति की मौत को लेकर पत्नी भावना ने बैंक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्नी ने बताया कि पति का जुलाई, 2024 में कासगंज के मानपुर नगरिया ब्रांच में ट्रांसफर हुआ, तभी से मैनेजर और अन्य बैंककर्मी परेशान करते थे। उन्हें संडे के दिन भी ऑफिस बुलाते थे।
ऑफिस में दी जाती थी धमकी
पति जब विरोध करते तो उन्हें धमकाते थे। कहते थे- तुम कुछ करते नहीं हो, तुम्हें सस्पेंड करा देंगें। नहीं तो ट्रांसफर करा देंगे। ऑफिस वाले खुद पार्टी करते थे। सारा काम पर पति पर थोप देते थे। वह रात 12 बजे तक काम खत्म करके घर आते थे।
पिता सीआरपीएफ के दारोगा
आकाश दिल्ली के रोहिणी के रहने वाले थे। उनके पिता जितेंद्र देहरादून में CRPF में दरोगा हैं। आकाश की सैलरी करीब 80 हजार रुएए महीना थी।
सीओ सिटी आंचल चौहान ने बताया- शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। असिस्टेंट मैनेजर के परिवार वाले अभी नहीं आए हैं। शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि सुसाइड से पहले आकाश ने कोई नोट नहीं छोड़ा था।