प्रयागराज: मेला क्षेत्र के परेड ग्राउन्ड में 10,000 की दर्शक क्षमता के गंगा पण्डाल में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं, विभिन्न जोनल कल्चरल सेन्टर एवं केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण एवं सेलिब्रिटी कलाकारों की प्रस्तुतियां निरन्तर चलती रहेगी, जिसका चयन भी कर लिया गया है। संस्कृति विभाग की ओर से 3 मंच (मुख्य मंच) मेला क्षेत्र में नागवासुकी, अरैल एवं झूसी क्षेत्र में निर्मित 02 हजार की दर्शक क्षमता के पण्डालों में शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायन, वादन, नृत्य, लोकगायन, लोकनृत्य, नृत्य नाटिकाओं, रामलीला, कृष्णलीला, कवि सम्मेलन, नाट्य प्रस्तुतियां आदि के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
प्रयागराज शहर में 20 लघुमंचों के माध्यम से प्रदेश की विभिन्न लोक कलाओं का क्षेत्रीय लोक कलाकारों 45 दिनों तक भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें फरुवाही, धोबिया, मयूर, करमा, वनटांगिया, थारू, अवधि, राई, पाई, डंडा आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।
संस्कृति विभाग की कला कुम्भ प्रदर्शनी
नगवासुकी क्षेत्र में लगभग 2 लाख वर्गफिट में 'कला कुंभ' प्रदर्शनी पवेलियन का निर्माण किया जा रहा है। कला कुंभ के गेट पर समुद्र मंथन की कलाकृति को दिखाया गया है, 'बड़ा कुम्भ कलश" लाईब्रेरी। प्रारम्भिक (19वीं एवं 20वीं शताब्दी के) कुम्भ मेला आयोजनों की प्रशासनिक व्यवस्थाओं से सम्बन्धित लोक अभिलेखों एवं सनातन परम्परा-अध्यात्म से सम्बन्धित प्राचीन पाण्डुलिपियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में मेला प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर अभिलेख से सम्बन्धित प्रदर्शनी लगाई जाएगी। प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक-कलाकृतियों-प्राचीन मूर्तियों का थ्रीडी स्कैनिंग कराकर ए०आर० वी०आर० तकनीक के माध्यम से प्रदर्शन किया जाएगा। स्मारकों पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन, स्मारकों का 360 डिग्री व्यू स्मारकों के 3 डी माडल एआर, वीआर का प्रदर्शन। महाकुंभ पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा तथा डिजिटल माध्यमों से भी संस्कृतियों का प्रचार किया जाएगा।