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Property Rights New Rules 2024: बेटों का माँ-बाप की संपत्ति पर नहीं रहेगा हक? जानिए सरकार के नए नियम, वरना पड़ जाएगा भारी

Property Rights New Rules 2024: सरकार ने संपत्ति के नए नियमों बनाए हैं। इन नियमों का पालन नहीं करने पर बेटे माँ-बाप की संपत्ति से वंचित हो जाएंगे। बेटों को सरकार के नए नियम का पालन हर हाल में करना होगा नहीं तो उनपर कानूनी कार्रवाई होगी।

Property Rights
Property Rights New Rules- फोटो : social media

Property Rights New Rules 2024: भारत में संपत्ति के बंटवारे को लेकर अक्सर विवाद होते हैं। खासकर माता-पिता और बच्चों के बीच संपत्ति को लेकर कई बार तनाव और कड़वाहट पैदा हो जाती है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए कुछ नए कानून बनाए हैं। इन कानूनों के अनुसार, अब बेटों को माता-पिता की संपत्ति पर अधिकार पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।

क्या है नया नियम

संपत्ति अधिकार के नए नियम की बात करें तो नए नियम के अनुसार अब बेटों को माता-पिता के संपत्ति पर अपना अधिकार पाने के लिए सरकार की कुछ शर्तों को माननी होगी। शर्तों का मुख्य उद्देश्य ये है कि बुढ़ापे में बच्चे अपने माँ-बाप की ठीक से देखभाल करें और उनको किसी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो। दरअसल, असर हम देखते हैं कि अगर किसी माँ बाप के 2 या 2 से अधिक बच्चे हैं तो वो संपत्ति का बंटवारा खुद में कर लेते हैं और बुढ़े माँ-बाप को वृद्धाश्रम में पहुंचा देते हैं। जिससे माँ-बाप की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। वहीं अब सरकार ने इसको लेकर बड़ा फैसला लिया है।  

नए नियम

माता-पिता की देखभाल: नए नियमों के अनुसार बेटों को अपने माता-पिता की उचित देखभाल करनी होगी, जिसमें उनकी स्वास्थ्य, भोजन और भावनात्मक जरूरतों का ध्यान रखना शामिल है। यदि बटे ये माँ-बाप की ये जरुरत पूरी नहीं करते हैं तो उन्हें संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगी। 

माँ-बाप के साथ रहना: नए नियम के तहत बेटों को अपने माता-पिता के साथ रहना होगा ताकि उन्हें अकेलापन न महसूस हो। इस नियम को बनाने का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों माता पिता को भावनात्मक सहारा मिलता है। जरुरत पड़ने पर उन्हें तत्काल मदद उपलब्ध होगी। पारिवारिक बंधन मजबूत होते हैं साथ ही बच्चों को दादा-दादी का प्यार मिलता है।

माँ-बाप की इच्छाओं का सम्मान: संपत्ति के नए नियमानुसार बेटों को माता-पिता की इच्छाओं का सम्मान करना होगा और उनके निर्णयों में दखल नहीं देना होगा। जिसमें माता-पिता की पसंद के अनुसार खाना बनाना, उनके धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करना, उनके दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने-जुलने देना शामिल है। 

माता-पिता को आर्थिक मदद: बेटों को माता-पिता की आर्थिक मदद करनी होगी, जिसमें उनके खर्चों और चिकित्सा खर्चों का भुगतान करना शामिल है। साथ ही बेटों को अपने माता-पिता को बुढ़ापे में शारीरिक और मानसिक रूप से सहारा देना होगा।

संपत्ति बेचने पर प्रतिबंध: सरकार ने संपत्ति के नए नियमानुसार बेटों के मनमानी पर भी रोक लगा दिया है। बेटे अब माता-पिता की सहमति के बिना उनकी संपत्ति नहीं बेच सकते। इसके पहले बेटे अपनी इच्छानुसार माता-पिता के मनाही के बाद भी संपत्ति बेच देते थे। लेकिन नए नियम के अनुसार अब माता-पिता की संपत्ति उनके सहमति के बिना बेचने पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। संपत्ति बेचने के लिए माता-पिता की लिखित अनुमति लेना आवश्यक होगा। 

कानूनी दस्तावेज: सरकार ने नए नियम में कानूनी दस्तावेज को अधिक महत्व दिया है। इसके तहत वसीयत, पावर ऑफ अटॉर्नी जैसे कानूनी दस्तावेजों का सही तरीके से पालन करना जरूरी है। जिसमें वसीयत, पावर ऑफ अटॉर्नी, संपत्ति के कागजात, बैंक खातों की जानकारी और बीमा पॉलिसी देना जरुरी है।  


नियमों के उल्लघंन पर दंड

वहीं सरकार ने इन नियमों का उल्लघंन करने वाले बेटों पर कानून कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है। अगर आप संपत्ति के नए नियमों का पालन नहीं करते हैं तो फिर आपको ना सिर्फ जुर्माना भरना पड़ सकता है बल्कि जेल भी जाना पड़ सकता है। नए नियमों के उल्लघंन पर सरकार ने बेटे को संपत्ति के अधिकार से वंचित होना, आर्थिक जुर्माना, कानूनी कार्रवाई, सामाजिक बहिष्कार के साथ साथ जेल तक भेजने का आदेश दिया है। 

इन नए नियमों से क्या फायदे होंगे?

संपत्ति के नए नियम बुजुर्गों के लिए संजीवनी साबित होंगे। इससे बुजुर्गों की सुरक्षा और सम्मान बढ़ेगा। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होने के साथ साथ संपत्ति विवादों में कमी आएगी। समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान बढ़ेगा।

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