गुड़हल का पौधा न केवल घर के बगीचे को सुंदर बनाता है, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है। लेकिन कई बार पौधे पर सफेद कीट (मिलीबग) या फंगल संक्रमण हो जाता है, जिससे इसकी बढ़वार रुक जाती है और फूल आना बंद हो जाते हैं। सही देखभाल से इन समस्याओं को आसानी से दूर किया जा सकता है।
घरेलू उपाय: छाछ, डिटर्जेंट पाउडर और नीम का तेल
गुड़हल के पौधों को सफेद कीड़ों और फंगल संक्रमण से बचाने के लिए छाछ, डिटर्जेंट पाउडर और नीम के तेल का घोल बहुत प्रभावी साबित होता है। यह घोल पौधे की ग्रोथ को बढ़ाने के साथ-साथ सफेद कीड़ों को जड़ से खत्म करता है।
घोल बनाने की विधि:
सामग्री:
1 लीटर पानी
आधा लीटर छाछ
आधा चम्मच नीम का तेल
1 चम्मच डिटर्जेंट पाउडर
तरीका:
एक बड़े कंटेनर में पानी लें और उसमें छाछ, नीम का तेल और डिटर्जेंट पाउडर डालें।
सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिला लें।
इस घोल को एक स्प्रे बोतल में भर लें।
उपयोग:
गुड़हल के पौधे पर जहां भी सफेद कीड़े या फंगल संक्रमण दिखे, वहां इस घोल का छिड़काव करें।
यह प्रक्रिया महीने में तीन बार दोहराएं।
घोल के लाभ:
सफेद कीड़ों का नाश: छाछ में मौजूद फ़ॉस्फ़ोरस, कैल्शियम और पोटैशियम पौधे को पोषण देते हैं और सफेद कीड़ों को खत्म करते हैं।
फंगल संक्रमण से बचाव: नीम का तेल फंगल संक्रमण को रोकता है।
पौधे की ग्रोथ: डिटर्जेंट पाउडर घोल को पत्तियों और तनों पर फैलाने में मदद करता है।
अतिरिक्त सुझाव:
पौधों को सुबह या शाम के समय पानी दें।
सीधे धूप में घोल का छिड़काव न करें।
समय-समय पर पौधों की कटाई-छंटाई करें।
गुड़हल के पौधों की सुंदरता बनाए रखने के लिए नियमित देखभाल और घरेलू उपाय अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। छाछ, डिटर्जेंट पाउडर और नीम का तेल का घोल न केवल सफेद कीड़ों को खत्म करता है, बल्कि पौधे को पोषण भी प्रदान करता है। इन आसान उपायों को अपनाकर आप अपने बगीचे में हरियाली और फूलों की बहार ला सकते हैं।