Railway News: रेलवे टिकटिंग में बड़ा बदलाव, अब घूमते-फिरते मिल जाएगा टिकट, लाइन में लगने का टेंशन खत्म, जानिए कैसे मिलेगा लाभ
Railway News: रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक और बड़ा अहम फैसला लिया है। रेलवे ने अब टिकटिंग में बदलाव करने का निर्णय लिया है। जिससे यात्रियों के लाइन में लगने का झंझट खत्म हो जाएगा।

Railway News: रेलवे यात्री जल्द ही स्टेशन पहुंचते ही टिकट खिड़की पर लाइन लगाने की झंझट से बच सकेंगे। अब यात्रियों को जनरल टिकट सीधे स्टेशन परिसर में मौजूद टीटीई (ट्रेन टिकट परीक्षक) से ही मिल सकेगा। इसके लिए रेलवे द्वारा टीटीई को एम-यूटीएस (मॉडर्न अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम) नामक विशेष हैंडहेल्ड डिवाइस उपलब्ध कराया जा रहा है।
ऑन द स्पॉट मिलेगा टिकट
यह डिवाइस एक छोटा सा प्रिंटर युक्त मशीन है। जिससे ऑन द स्पॉट टिकट प्रिंट होकर बाहर आ जाएगा। टिकट लेने के लिए यात्री को केवल ट्रेन का नाम, गंतव्य स्टेशन और यात्रा की श्रेणी (पैसेंजर, एक्सप्रेस या सुपरफास्ट) बतानी होगी। इसके बाद टीटीई एम-यूटीएस के जरिए टिकट जारी कर देगा। रेलवे बोर्ड ने 30 मार्च 2026 तक पूर्व मध्य रेल सहित देश के पांच जोनल रेलवे के सभी हॉल्ट स्टेशनों पर यह सेवा अनिवार्य रूप से शुरू करने का आदेश दिया है।
हॉल्ट ठेकेदारों को भी मिलेगा एम-यूटीएस
अब यह सुविधा सिर्फ बड़े स्टेशनों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि भूली, धोखरा जैसे छोटे हॉल्ट स्टेशनों पर भी उपलब्ध होगी। अब तक हॉल्ट ठेकेदार मुख्य स्टेशन से टिकट रोल लेकर यात्रियों को टिकट जारी करते थे। लेकिन नई व्यवस्था में उन्हें भी एम-यूटीएस उपकरण दिए जाएंगे। इससे हॉल्ट स्टेशनों पर भी टिकटिंग पूरी तरह डिजिटल और त्वरित हो जाएगी।
कुंभ मेले में मिली थी सफलता, अब श्रावणी मेले में भी उपयोग
एम-यूटीएस की शुरुआत प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान की गई थी। जहां इसे यात्रियों की भारी भीड़ के बीच सफलतापूर्वक उपयोग में लाया गया था। अब श्रावणी मेले के दौरान भी इस तकनीक का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे तीर्थयात्रियों को बिना किसी रुकावट के टिकट मिल रहे हैं।
क्या है एम-यूटीएस?
एम-यूटीएस एक अत्याधुनिक, पोर्टेबल अनारक्षित टिकटिंग डिवाइस है। जिसे भारतीय रेलवे ने यात्रियों को तेजी से सेवा देने और स्टेशन काउंटरों पर भीड़ कम करने के उद्देश्य से विकसित किया है। यह प्रणाली रेलवे कर्मचारियों को कहीं से भी जनरल टिकट जारी करने की सुविधा देती है। जिससे टिकटिंग प्रक्रिया तेज, सरल और परेशानी मुक्त हो जाती है। इस पहल से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि रेलवे की डिजिटल सेवाओं को भी एक नई गति मिलेगी।