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मोदी सरकार ने अंग्रेजों के कानून प्रणाली से दिलाई मुक्ति, कानून के क्षेत्र में देश को आजाद और आत्मनिर्भर बनाने का किया काम-BJP

मोदी सरकार ने अंग्रेजों के कानून प्रणाली से दिलाई मुक्ति, कानून के क्षेत्र में देश को आजाद और आत्मनिर्भर बनाने का किया काम-BJP

PATNA: भारतीय जनता पार्टी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह को आभार प्रकट किया है. प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह  ने कहा है कि अंग्रेजों के कानून प्रणाली से मुक्ति दिला कर मोदी सरकार ने कानून के क्षेत्र में देश को आजाद एवं आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। मोदी सरकार के नेतृत्व में देश को अपना अपराधिक कानून मिलने जा रहा है। नए आत्मनिर्भर भारत का नया कानून, Indian Penal Code जो 1860 में बना था, उसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना था। उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 पूरे देश में अमल में आएगी, CrPc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 अमल में आएगी और Indian Evidence Act 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा।आपराधिक न्याय प्रणाली को चलाने वाले लगभग 150 वर्ष पुराने तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले परिवर्तन किए गए हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दंड देने का उद्देश्य पीड़ित को न्याय देना और समाज में उदाहरण स्थापित करना होना चाहिए। भारतीय आत्मा के साथ बनाए गए इन तीन कानूनों से हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है, इन नए कानूनों में भी ऐसी व्यवस्था की गयी है, जिससे कोई भी आतंकवादी बच नहीं पायेगा। मानव हत्या और महिला सुरक्षा की दिशा में न्याय नहीं, बल्कि अंग्रेजों के खजाने और ब्रिटिश ताज की रक्षा ही पुराने कानून की प्राथमिकता थी। अब नए कानूनों में सबसे पहले महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध अपराधों, मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले विषयों, देश की सीमाओं की सुरक्षा, करेंसी नोट और सरकारी स्टांप के साथ छेड़खानी आदि को रखा गया है।दूसरी ओर मोदी जी ने एक ऐतिहासिक निर्णय करते हुए राजद्रोह की धारा को पूरी तरह से हटाने का काम किया है और राजद्रोह की जगह देशद्रोह को रखा गया है। मोदी सरकार द्वारा लाए गये इन कानूनों के लागू होने के बाद पूरे देश में एक प्रकार की न्याय प्रणाली होगी। देश की सुरक्षा सबसे ऊपर है। सरकार के खिलाफ कोई कुछ भी कहे, मगर कोई देश के झंडे, सुरक्षा व संपत्ति से साथ खिलवाड़ करेगा, तो वह जेल जायेगा। अब चार्जशीट को 180 दिन में दाखिल करना होगा और 14 दिन में मजिस्ट्रेट को इसका संज्ञान लेना होगा। नए कानूनों में पुलिस की जवाबदेही तय करते हुए पीड़ित केंद्रित कानून बनाने का काम किया है। 

मोदी सरकार की प्राथमिकता है नागरिक सुविधा इसी क्रम में किसी भी थाने में दर्ज हो सकेगी जीरो एफआईआर।  ई-एफआईआर के लिए जोड़े गए है नए प्रावधान, 90 दिन में पुलिस अधिकारी को देनी होगी जांच की प्रगति की सूचना। मोदी सरकार ने टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भारत की न्यायिक व्यवस्था को दुनिया में सबसे अत्याधुनिक बनाने का काम किया है। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अत्याधुनिक होगी नए भारत की कानून व्यवस्था एफआईआर से लेकर जजमेंट तक सब कुछ डिजिटलाइज होगा। जांच-पड़ताल से लेकर मुकदमे के साक्ष्यों तक की होगी रिकार्डिंग।पुलिस द्वारा सर्च और जब्ती की कार्यवाही में होगा टेक्नोलॉजी का उपयोग। इलेक्ट्रॉनिक या किसी भी तरह का डिजिटल रिकॉर्ड दस्तावेज माना जाएगा।वहीं महिलाओं के प्रति अपराध पर अब कोई समझौता नहीं होगा। गैंगरेप के मामलों में अब 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान रहेगा। 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के मामले में आजीवन कारावास या मृत्यु दंड का प्रावधान रहेगा। यौन हिंसा के मामलों में बयान महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ही रिकॉर्ड करेंगी।

 पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला पुलिस अधिकारी के सामने ही दर्ज होगा और बयान रिकॉर्ड करते समय पीड़िता के माता/पिता या अभिभावक उपस्थित रह सकते हैं। नए भारत के नए कानून में यौन उत्पीड़न के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है मोदी सरकार। मोदी सरकार में अब अंग्रेजों का कानून प्रणाली नहीं अब आत्मनिर्भर भारत का अपना कानून प्रणाली होगा।

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