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आलोक कुमार के समर्थन में आया BASA, गिरफ्तारी के विरोध में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी कल 'काला बिल्ला' लगाकर करेंगे काम

आलोक कुमार के समर्थन में आया BASA, गिरफ्तारी के विरोध में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी कल 'काला बिल्ला' लगाकर करेंगे काम

पटना. सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले पोस्ट शेयर करने के मामले में बिहार निर्वाचन विभाग के उप सचिव आलोक कुमार को आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। अब उनकी गिरफ्तारी के विरोध में बिहार एडमिनिशट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन आ गया है। शनिवार को मामले की बैठक कर एसोसिएशन ने बड़ा फैसला लिया है। विरोध जताने के लिए बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी सोमवार को काला बिल्ला लगाकर सरकारी काम करेंगे।

शनिवार को बासा भवन पटना में बिहार एडमिनिशट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन की प्रथम केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक आहुत की गई। बैठक में बिहार निर्वाचन विभाग के उप सचिव आलोक कुमार की गिरफ्तारी के संबंध में उपस्थित पदाधिकारियों से विचार विमर्श किया गया। बैठक के क्रम में आलोक कुमार के दोनों भाइयों एवं उनके पुत्र द्वारा घटनाक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उनके बेटे ने बताया कि 16 जून को अर्ध रात्रि करीब दो बजे दो सिपाही उनके घर आये एवं उनके पिताजी को खोज रहे थे। भयवश परिवार के लोगों द्वारा दरवाजा नहीं खोला गया। फिर 17 जून को उनके पिताजी निर्वाचन कार्यालय गये तो सचिवालय थाना के थाना प्रभारी द्वारा उनके पास जाकर उनके निजी मोबाईल की मांग की गई। बिना कोई सर्च वारंट के इस कृत्य पर उनके द्वारा आपत्ति की गई। 

इसके बाद सचिवालय थाना प्रभारी सी.पी.एम. गुप्ता द्वारा उनके मोबाइल को जब्त कर लिया गया। उसी दिन संध्या छह से सात के बीच थानाध्यक्ष द्वारा मोबाइल वापस करने के लिए उन्हें थाना बुलाया गया, लेकिन दो से तीन घंटे उन्हें बैठाने के बाद मोबाइल वापस न कर उन्हें आर्थिक अपराध इकाई थाना ले जाया गया। उनके बाद वहां पूछताछ कर उन्हें शारीरिक जांच के लिए लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल, शास्त्रीनगर ले जाया गया। हृदय रोग से ग्रसित तथा पेशमेकर लगे होने के कारण शारीरिक रूप से फीट नहीं होने के कारण पिछले 60 घंटे से अधिक समय से उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया, जो कि संविधान के सुसंगत धाराओं का उल्लंघन है।

आज बैठक में संपूर्ण घटनाचक्र की समीक्षा तथा प्राथमिकी के अवलोकनोपरांत यह पाया गया कि आलोक कुमार ने ‘‘टीम बासा’’, जो बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों का समूह है, जिसमें एक कार्टून पोस्ट किया गया था, जिसमें किसी धर्म के आराध्य का कोई उल्लेख नहीं था। इस पोस्ट से इसी ग्रुप के किसी सदस्य की भावना आहत हुई यह प्राथमिकी के अवलोकन से प्रतीत नहीं होता है, क्योंकि प्राथमिकी में सूचक वरीय स्तर के पदाधिकारी हैं। आलोक कुमार द्वारा किया गया पोस्ट उनके द्वारा तत्काल हटा भी लिया गया था। प्रश्न यह उठता है कि बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी के ग्रुप का तथाकथित आपत्तिजनक पोस्ट से अगर किसी को कोई शिकायत थी तो उस व्यक्ति को स्वयं थाना में जाकर आलोक कुमार के खिलाफ शिकायत की जानी चाहिये थी।

बासा ने बताया कि प्राथमिकी किये जाने में वरीय पदाधिकारी की सूचना दर्शाया गया है। राज्य के प्रशासनिक पदानुक्रम के वरीयतम पदाधिकारी जिनका नाम आ रहा है, द्वारा विशेष अभिरूचि लेकर नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत शिकायतकर्त्ता का बयान दर्ज कराये बिना एवं अनुसंधान तथा पदाधिकारी से बिना किसी स्पष्टीकरण के आलोक कुमार जो कि अपराधी एवं आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना काफी दुखद है। बासा के सभी सदस्य एवं उनके परिवार के लोग विद्वेष की भावना से ग्रसित होकर किये गये इस कृत्य से सभी आहत हैं एवं इसकी पुरजोर निंदा करते हैं।

संघ की मांग

  • नियम के विरूद्ध बिना अनुसंधान के दायर किये गये प्राथमिकी को वापस लिया जाए तथा गिरफ्तार आलोक कुमार को अविलंब रिहा किया जाए।
  • सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने न्यायादेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि सी.आर.पी.सी. की धारा- 41 A के तहत जिन मामलों में सात वर्ष से कम सजा का प्रावधान है, उन मामलों में बिना नोटिस दिये कोई कार्रवाई नहीं करनी है, जबकि आलोक कुमार के साथ ऐसा नहीं किया गया।
  • जब व्हाट्सऐप ग्रुप बासा सदस्यों का आंतरिक ग्रुप है एवं आलोक कुमार के पोस्ट से किसी सदस्य की भावना आहत हुई तो शिकायतकर्त्ता प्रशासनिक पदानुक्रम के वरीयतम पदाधिकारी कैसे हो गये? उनकी अभिरूचि इस पोस्ट पर क्यों इतनी जगी। संघ प्रशासनिक पदानुक्रम के वरीयतम पदाधिकारी के इस कार्य को सरकारी सेवक के आचरण के विरूद्ध तथा क्षेत्राधिकार से बाहर मानता है तथा संघ इस कृत्य की निंदा करता है । साथ ही, संघ उक्त वरीयतम पदाधिकारी के नाम के खुलासा की भी मांग करती है।
  • संघ के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस कृत्य के विरूद्ध विरोध दर्ज करने के लिए बिहार प्रशासनिक सेवा के सभी पदाधिकारीगण कल दिनांक- 20 जून को ‘‘काला बिल्ला’’ लगाकर सरकारी कार्य का निष्पादन करेंगे।
  • 20 जून की संध्या 6:30 बजे देश-विदेश के सभी प्रिंट मिडिया के साथ इलेक्ट्रॉनिक मिडिया को बासा कार्यालय में बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेस किया जायेगा।

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