PATNA : राजधानी पटना जिस देश से कोरोना के मामले बढ़े हैं अब उसका असर जिले की ग्रामीण इलाकों में भी दिखने लगा है। जिले में 1395 गांव में जिनमें से 100 से अधिक गांव में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। यहां लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। अब तक 17 ग्रामीण थाना क्षेत्रों की 354 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। जिससे स्थिति खतरनाक होती जा रही है।
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका बाढ़ अनुमंडल हैं जहां के गांवों में महामारी अपना अपना कहर बरपा रही है। गांव में बढ़ते कोरोना मामले को लेकर पटना जिले के डीएम चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार जिन गांव में लोगों की गतिविधियां शहरों से है वहां सबसे अधिक मरीज मिल रहे हैं। सर्वे में पाया गया है कि जिस गांव में लोगों की गतिविधियां कम है वहां बीमारी का प्रकोप कम है। इसलिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि कम से कम घर से बाहर निकले।
संसाधनों की भी है कमी
शहर के अस्पतालों में व्यवस्था चरमराई चुकी है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण इलाकों के अस्पताल में किस तरह की स्थिति होगी। पटना के ग्रामीण इलाकों में 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 6 अनुमंडल अस्पताल में मरीजों के उपचार के लिए व्यवस्था नहीं की गई है। यदि गांव में संक्रमण फैलता है तो ऐसे मरीजों को उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर संभव नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज नहीं किया जा सकता है। अनुमंडल अस्पतालों में भी यही स्थिति है यदि मरीज गंभीर हो जाता है तो इन अस्पताल में ऐसी व्यवस्था नहीं है, जहां उसे आईसीयू में भर्ती कराया जा सके ऐसी स्थिति में कोरोना मरीजों को पटना रेफर करने पड़ेगा जहां पहले से ही सभी सरकारी अस्पतालों प्राइवेट अस्पतालों में बेड फूल है। जिससे परेशानी बढ़ सकती है। सरकार के अधिकारियों का पूरा ध्यान सिर्फ पटना और दूसरी शहरों पर ही सीमित है, ग्रामीण क्षेत्रों को दरकिनार किया जा रहा है
इन थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक संक्रमण
फतवा 50, बख्तियारपुर 38, परसा बाजार 38, बिहटा 33, मसौढ़ी 31, गौरीचक 26, मेहंदी गंज 26, बालीगंज 18, नौबतपुर 17, गोपालपुर 16, खुसरूपुर 14, मोकामा 14 ,अथमलगोला 11, मनेर 11, संपतचक 11, पुनपुन 10