DESK: चुनावी रणनीतिकार और राजनीति की नब्ज पर अच्छी पकड़ रखने वाले प्रशांत किशोर ने पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को करारा झटका दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले ही प्रशांत किशोर ने कैप्टन का साथ छोड़ दिया है और अपनी राहें जुदा कर ली हैं। बता दें, वह इसी साल सीएम अमरिंदर के प्रधान सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए थे।
सीएम के नाम चिट्ठी लिखकर पीके ने कहा-
उन्होंने सीएम के नाम लिखी चिट्ठी में सार्वजनिक जीवन से अस्थायी ब्रेक लेने के फैसले का जिक्र किया। पीके ने कहा कि उन्हें अभी भी अपने आगे के कदमों पर विचार करना है। बताया गया है कि प्रशांत किशोर ने चिट्ठी में कैप्टन से खुद को कार्यमुक्त करने की अपील करते हुए कहा कि उन्होंने कभी सलाहकार के पद का प्रभार लिया ही नहीं। उन्होंने आगे लिखा, “चूंकि मुझे अभी अपने भविष्य के कार्य के बारे में निर्णय लेना है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की कृपा करें। इस पद के लिए मुझे चुनने और अवसर देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।” गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ये बात जाहिर चुके हैं कि I-PAC की उनकी टीम सियासी समीकरणों को साधने का काम तो कर रही है, लेकिन बहुत लंबे समय तक उनका ये करने का मन नहीं है। इससे पहले प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी प्रस्ताव पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ मंथन किया था।
कांग्रेस से पीके के जुड़ने की अटकलों को मिला बल
कांग्रेस के अधिकतर नेताओं का मानना था कि उनके आने से कांग्रेस को फायदा होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने 22 जुलाई को यह बैठक बुलाई थी और इसका मुख्य एजेंडा पार्टी में शामिल होने की स्थिति में प्रशांत किशोर को दी जाने वाली भूमिका और इससे पार्टी को होने वाले हानि-लाभ पर चर्चा करना था। हालांकि प्रशांत किशोर की ओर से कुछ नहीं कहा गया है और और कांग्रेस ने भी इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है।