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यूनिवर्सिटी के वीसी की जान बचाने के लिए हाईकोर्ट जज की गाड़ी छीननेवाले छात्रों के साथ खड़े हुए सीएम मोहन यादव, मामा शिवराज ने भी की माफी की मांग

यूनिवर्सिटी के वीसी की जान बचाने के लिए हाईकोर्ट जज की गाड़ी छीननेवाले छात्रों के साथ खड़े हुए सीएम मोहन यादव, मामा शिवराज ने भी की माफी की मांग

DESK : मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव न सिर्फ कड़े फैसले ले रहे हैं. बल्कि प्रदेश की जनता का दिल भी जीतने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार मामला उन दो छात्रों से जुड़ा है, जिन्होंने चलती ट्रेन में बीमार हुए शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफ़ेसर रंजीत सिंह जान बचाने के लिए हाई कोर्ट जज की कार छीन ली और वीसी  को अस्पताल पहुंचाया।  हालांकि वीसी की जान नहीं बच सकी। वहीं दोनों छात्रो को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही पुलिस ने उनपर डकैती की धाराओं में मामला दर्ज किया है। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो खुद सीएम मोहन यादव को भी इसमें दखल देना पड़ गया। दोनों छात्रों का नाम हिमांशु और सुकृत बताए गए हैं।

 मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी इस घटना पर एक्शन लिया है और इसकी सीआईडी जाँच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों ने जो किया वो मानवीय द्रष्टि से उचित था लेकिन उनका तरीका गलत था फिर भी मैंने पुलिस महानिदेशक से इस संबंध में बात की है और उनसे कहा है ऐसी घटना में डकैती की धारा लगाना अनुसचित है आगे से इस तरह की घटना पर पूरी जाँच के बाद उसके आपराधिक रिकॉर्ड देखने के बाद ही डकैती की धाराएँ लगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पहले पूरी जाँच होनी चाहिए, मैंने इस पूरी घटना की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही हम कोशिश करेंगे कि हम छात्रों की क्या मदद कर सकते हैं क्योंकि ये मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा मामला है, मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी से निवेदन करना चाहूँगा कि यदि इस प्रकार की कोई घटना घटती है तो कायमी कराने वाला पक्ष भी मानवीय भाव से सोचकर चलें।

पुलिस और रेलवे से नहीं मिली मदद तो लूटी कार

बीती 10 दिसंबर को ट्रेन से यात्रा कर रहे शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफ़ेसर रंजीत सिंह को मुरैना में हार्ट अटैक आया था, ट्रेन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता भी यात्रा कर रहे थे उन्होंने वीसी की मदद के लिए रेलवे से कहा लेकिन मुरैना रेलवे स्टाफ ने ग्वालियर में मदद का भरोसा दिलाया, लेकिन जब ट्रेन ग्वालियर पहुंची तो छात्रों को स्टेशन पर एम्बुलेंस नही मिली, छात्रों के मुताबिक वे करीब आधा घंटे तक पुलिस और रेलवे से मदद मांगते रहे उसके बाद उन्होंने वहां खड़ी कार के ड्राइवर को नीचे उतारा और उसमें वीसी की लेकर अस्पताल ले गए जहाँ डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

गौरतलब है कि इस घटना एक बाद से ABVP इन छात्रों को न्याय दिलाने की मांग करते हुए आन्दोलन चला रहे हैं, परिजन भी परेशान है, सब जगह एक ही मैसेज जा रहा है कि बीमार की मदद करने और मानवता दिखाने के बदले छात्रों को जेल मिली है ये गलत है, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कल गुरुवार को मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर छात्रों पर दर्ज प्रकरण वापस लेने और उन्हें क्षमा कर देने का अनुरोध किया है अब इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी आगे आये हैं।


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