GAYA : जिले के मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र के लखैपुर पंचायत में संचालित प्राथमिक विद्यालय नावाडीह का भवन बिल्कुल जर्जर स्थिति में है। इस विद्यालय की भवन कब गिर जाए कोई नहीं जानता। विद्यालय के बच्चे छत के गिरने के भय से बरसात में पढ़ने नहीं जाते हैं। बिहार सरकार कहती है कि शिक्षा व्यवस्था को दुरस्त किया जा रहा है। लेकिन सिर्फ कागज और कलम पर कालम पूरी हो रही है।
आपको बता दे भवन के अभाव के कारण नावाडीह के ग्रामीण रुपए चंदा करके एक रूम को सेड और बास से मरम्मत करवाए है। उसी एक कमरे में 120 बच्चे का भविष्य सुधर रहा है। बुधवार को लखैपूर पंचायत के मुखिया पति मंटू पासवान सैकड़ों ग्रामीण के साथ विद्यालय पहुंचकर विद्यालय कि स्थिति से अवगत हुए।
इस दौरान प्रधानाध्यापक ग्रामीणों को बताया कि लगभग 10 बार आवेदन के माध्यम से शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी दे चुका हूं। विद्यालय की स्थिति के बारे में बता चुका हूं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। वही मुखिया पति मंटू पासवान ने कहा कि कई वर्षो से इस विद्यालय कि स्थिति जर्जर है।य हां पर कोई भी अधिकारी जांच मे नहीं आते। विद्यालय का भवन गिरने के बाद कई बच्चो का जान जाने का डर बना रहता है। वर्षांत के समय बच्चे भवन गिरने की वजह से पढ़ने नहीं आते। फिर भी प्रशासन और सरकार को इस ओर ध्यान नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर इस विद्यालय कि भवन को नहीं बनाई गई तो हमलोग पूरे ग्रामीण सड़क जाम करंगे। वही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मोहनपुर बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि विभाग को मैं इसकी सूचना कब का दे चुका हूं बहुत जल्द ही इस विद्यालय के भवन निर्माण करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 3 माह में विद्यालय के भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बोधगया से संतोष की रिपोर्ट