PATNA : ऊर्जा कार्निवल 2023 का आयोजन शनिवार को पटना के ऊर्जा पार्क में किया गया। इस कार्निवल में ऊर्जा परिवार के सदस्यों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। सबसे अधिक संख्या महिलाओं और बच्चों की थी। यहां पर लगे लगभग प्रत्येक स्टॉल पर उन लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। इस अवसर पर ऊर्जा परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) के सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि ऊर्जा परिवार की तरफ से आप सभी को क्रिसमस और आने वाले नए साल की बहुत-बहुत बधाई। यह कार्यक्रम इस बार इसलिए भी विशेष है क्योंकि आप सभी के सामूहिक प्रयास से हमारी होल्डिंग कंपनी इस मर्तबा पहली बार मुनाफे में आई है। 215 करोड़ का मुनाफा कंपनी को हुआ है। यह आप सभी लोगों के योगदान से हुआ है। उन्होंने कहा कि यह कंपनी की तरफ से आप सभी के सामूहिक प्रयास के लिए एक छोटा सा एक जेस्चर है। एक और अवसर भी है कि जब सब लोग बिना अपने पद का वह ख्याल किए हुए एक दूसरे से मिलते जुलते हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद आपको यहां आने के लिए। हम लोग ऊर्जा क्षेत्र में इसी तरह से नई ऊंचाइयों को छूते रहें। आप सभी के स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य के लिए मैं शुभकामनाएं देता हूं। मेरी क्रिसमस एंड हैप्पी न्यू ईयर इन एडवांस।
बीएसपीएचसीएल के सीएमडी संजीव हंस ने कार्निवल में लगे हुए स्टालों पर जाकर वहां पर मौजूद लोगों और उनके बच्चों से मुलाकात की। साथ ही अधिकारियों से भी निरंतर बातचीत करते रहें। बैलून शूटिंग स्टॉल पर उन्होंने निशानेबाजी भी की। उनके साथ एनबीपीएचसीएल के एमडी आदित्य प्रकाश ने भी निशानेबाजी की। रिंगिंग प्राइस स्टाल पर भी सीएमडी संजीव हंस ने कुछ समय व्यतीत किय। उन्होंने खाने पीने के स्टॉल पर भी अपना समय बिताया और साथ में ऊर्जा परिवार के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ मिलते भी रहे और उनके अभिवादन को भी स्वीकार करते रहे। इस अवसर पर उनके साथ बीएसपीएचसीएल के सीनियर प्रोटोकॉल अधिकारी ख्वाजा जमाल भी मौजूद थे।
ऊर्जा कार्निवल का पूरा माहौल एक उत्सव की तरह दिखा। ऊर्जा परिवार के तमाम सदस्यों के लिए मनोरंजन की भरपूर व्यवस्था की गई थी। इसमें कई तरह की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया था। महिलाओं के लिए भी भरपूर व्यवस्था की गई थी। उनके हाथों पर मेहंदी लगाने के लिए विशेष तौर पर एक मेहंदी स्टॉल लगी हुई थी। जहां पर महिलाएं कतारबद्ध होकर के मेहंदी लगवा रही थी। टैटू स्टाल आकर्षण का खास केंद्र बना हुआ था। खास तौर से बच्चे अपने हाथों पर टैटू बनवाने के लिए विशेष तौर पर उत्सुक दिख रहे थे। नेल आर्ट को लेकर के भी एक खास स्टाल लगा हुआ था। इस स्टॉल पर नाखूनों को सजाने संवारने का काम बड़ी बारीकी के साथ किया जा रहा था। महिलाओं के लिए यह स्टॉल दिलचस्पी का खास केंद्र बना हुआ था। महिलाएं अपने नाखूनों पसंदीदा अंदाज में काम करवा रही थी और अपने नाखूनों के बदलते हुए स्वरूप को देखकर के काफी आनंदित भी हो रही थी। लोगों के मनोरंजन के लिए एक नॉकिंग दी ब्लॉक स्टॉल भी लगा हुआ था। इसमें गेंद चला करके एक साथ कई ब्लॉक को धस्त करने के लिए कहा जाता था। बच्चे इस खेल में गहरी दिलचस्पी ले रहे थे। रिंगिंग द प्राइस स्टॉल पर भी लोगों की अच्छी खासी भीड़ जमी रही। यहां पर भी खास करके बच्चे और महिलाएं रिंग फेक करके सामान को उसमें फंसाने की कोशिश कर रहे थे। इन द टेल ऑन द डंकी स्टॉल मनोरंजन का प्रमुख केंद्र बना हुआ था। इस स्टॉल पर एक गधे की बिन पुंछ वाली तस्वीर लगी हुई थी। आंख पर पट्टी बांधकर के उसे गधे के पुंछ के स्थान पर पुंछ लगाना होता था। इस स्टॉल पर भी बच्चे काफी संख्या में जुटे हुए थे। गधे के शरीर पर सही जगह पर पुंछ ना लगा पाने की स्थिति में दूसरे बच्चे उन्हें गधा का खिताब दे कर मजे ले रहे थे। लड़कियां भी स्टॉल पर बड़ी संख्या में जमी हुई थी और गधे को पुंछ लगाने के लिए एक दूसरे से होड़ करती हुई दिख रही थी।
बैलून शूटिंग स्ट्रॉल भी आकर्षण का खास केंद्र बना हुआ था। इस स्टॉल पर भी खासतौर से बच्चों और लड़कियों की भीड़ लगी हुई थी। वैसे पुरुष भी निशाना साधने की कोशिश करने में उनसे हो लग रहे थे। बैलून स्टैंड पर फोटो खिंचवाने के लिए लोग बड़ी संख्या में जम रहे हैं। महिलाओं और बच्चों की यहां पर लंबी लाइन लगी हुई थी। अपने सगे संबंधियों के साथ जमकर फोटो खिंचवा रही थी। कार्निवल में खाने पीने के भी व्यवस्था काफी बेहतर थी। विशेष बिहारी फूड लिट्टी चोखा सहित कई तरह के व्यंजन वाले अलग-अलग स्टॉल पर लोग अलग-अलग खानों का जायका लेते हुए देखे गए। खाने पीने के स्टाल में सबसे ज्यादा भीड़ टिक्की चार्ट और लिट्टी चोखा वाले स्टॉल पर ही देखिए। म्यूजिक चेयर गेम का आयोजन खासतौर से बच्चों के लिए किया गया था। बड़ी संख्या में बच्चे इसमें शिरकत भी कर रहे थे और आनंद भी ले रहे थे। जैसे ही कोई बच्चा आउट होकर के बाहर निकलता था। बाहर खड़े लोग जोर से शोर मचाते थे। बच्चों के लिए जादू के खेल का भी आयोजन किया गया था। जादू देखते हुए बच्चे जमकर के तालियां भी पीट रहे थे।