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सादगी और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे पूर्व आईबी चीफ दिनेश्वर शर्मा : अभयानंद

सादगी और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे पूर्व आईबी चीफ दिनेश्वर शर्मा : अभयानंद

GAYA : दिनेश्वर शर्मा को याद करना समाज का कर्तव्य बनता है। स्व दिनेश्वर शर्मा एक कर्मयोगी थे। उनकी सादगी और कर्तव्यनिष्ठा समाज के आने वाली पीढ़ी के अनुकरणीय है। दिनेश्वर शर्मा कभी किसी कार्य के फल के लिये उत्सुक नहीं रहे। उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्य पथ पर निष्ठा के साथ अग्रसर रहे। उक्त बातें रविवार को पूर्व डीजीपी अभ्यानंद ने बेलागंज के एक निजी उत्सव हॉल में आयोजित पूर्व आईबी चीफ स्व दिनेश्वर शर्मा के स्मृति में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता गीता की प्रासंगिकता पर परिसंवाद समारोह में कही।

उन्होंने कहा कि स्व दिनेश्वर शर्मा युवा पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है। स्व दिनेश्वर शर्मा अपने पूरा जीवन सादगी में बीता दिया। भारतीय प्रशासनिक सेवा के उच्च पद आईबी चीफ के पद पर रहते पर होने के बाद भी उनकी सादगी में कोई कमी नहीं आई। गांव के लोग आज भी उन्हें दीना बाबू के नाम से जानती है।

रविवार को बेलागंज के सिलौंजा मोड़ पर स्थित भवन में आयोजित पूर्व आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा स्मृति व्याख्यानमाला में श्रीमद्भगवद्गीता गीता की प्रासंगिकता पर परिसंवाद समारोह का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी अभ्यानंद और विशेष कैबिनेट सचिव डा यूएन पांडेय हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ आगत अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। वहीं बाल कलाकार नंदिनी भारद्वाज के द्वारा स्वागत गान से आगत अतिथियों का अभिनंदन किया। उसके उपरांत कार्यक्रम के स्वगताध्यक्ष सिद्धू शर्मा ने सभी अतितिथियों को अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जहानाबाद के पूर्व सांसद डा अरुण कुमार एवं मंच संचालन सामाजिक कार्यकर्ता अमरेंद्र कुमार ने किया। 

इस दौरान अपने अध्यक्षीय भाषण में पूर्व सांसद डॉ अरूण कुमार ने कहा कि गुरुतत्व जिसमें समाहित है उसी में देश समाज का हित है। उन्होंने कहा कि दिनेश्वर शर्मा को याद करना समाज का कर्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि बिना तत्व के जानकारी के ज्ञान प्राप्त नही हो सकता। कर्म और फल के बीच मे सम्बंध भी होता है। जो दिनेश्वर बाबू के जीवन में देखने को मिलता है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे विशेष कैबिनेट सचिव डा उपेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि गीता में सिर्फ अर्जुन अवसादग्रस्त हुए थे। लेकिन आज के परिवेश में अधिकांश आबादी अवसादग्रस्त है। व्यक्ति स्वयं का शत्रु और स्वयं का दोस्त होता हैं। यह आपके कर्म पर निर्भर करता है। समारोह को बीएचयू की शोध छात्रा रश्मि भारद्वाज एवं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हिमांशु शेखर ने भी सम्बोधित किया। वही आगत अतिथियों का स्वागत युवा समाजिक कार्यकर्ता सिधु शर्मा ने किया। इस अवसर पर प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डा विजय करण, डा सुरेंद्र कुमार, पूर्व शिक्षक राजेन्द्र शर्मा, शंभू शरण सिंह, शिक्षक अजय कुमार, भाजपा नेता महेश शर्मा, कुमार सत्यशील, रंजेश कुमार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।

गया से प्रभात कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

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