बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सत्ताधारी दल के दबाव का असर ? थाने से ही छूट गए जेडीयू के जिलाध्यक्ष

सत्ताधारी दल के दबाव का असर ? थाने से ही छूट गए जेडीयू के जिलाध्यक्ष

ARWAL : एक महिला के साथ बंद कमरे से पुलिस हिरासत में लिए गए जेडीयू जिलाध्यक्ष जितेंद्र पटेल थाने से ही छूट कर बाहर आ गए। लगभग 4 घंटे से ज्यादा वक्त तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत जेडीयू जिलाध्यक्ष को क्लीन चिट मिलने के साथ हो गया। पुलिस ने अरवल थाने में जितेंद्र पटेल और उसके साथ मौजूद महिला को घंटो बिठाए रखा। लेकिन आखिरकार यह कह कर दोनों को छोड़ दिया कि वह एक दूसरे के रिश्तेदार हैं। 

क्या था पूरा मामला?

दरअसल अरवल पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि जेडीयू जिलाध्यक्ष किसी महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में है। इस जानकारी के मिलने के बाद पुलिस ने अरवल के ही एक निजी डेंटल क्लिनिक में छापेमारी की जहां से जेडीयू जिलाध्यक्ष जितेंद्र पटेल और एक महिला को हिरासत में लिया। इस खबर के फैलते ही कि जेडीयू जिलाध्यक्ष एक महिला के साथ पकड़े गए हैं अरवल थाना जेडीयू नेताओं से पट गया। घंटो तक अरवल थाना इस हाई वोल्टेज ड्रामे का गवाह बना रहा। सत्ताधारी दल के नेता पुलिस पर यह दबाव बनाते रहे कि जितेंद्र पटेल को छोड़ दिया जाए। बाद में विपक्षी दल के नेता भी थाने पर पहुंच गए और पुलिस से कड़ी कार्यवाई करने की मांग करने लगे।

जितेंद्र पटेल को छोड़ने पर पुलिस का बयान

आखिरकार 4 घंटे से ज्यादा चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस ने जितेंद्र पटेल को थाने से ही छोड़ दिया। न्यूज़4नेशन ने जब अरवल थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने बताता कि जेडीयू जिलाध्यक्ष जितेंद्र पटेल और उनके साथ थाने लाई गई महिला आपस में रिश्तेदार हैं। महिला के परिजनों ने भी लिखित तौर पर इसकी जानकारी थाने को दी जिसके बाद पुलिस ने क्लीन चिट देते हुए जितेंद्र पटेल को जाने दिया। आम लोगों से जुड़े मामलों में महीनों तक जांच पूरी कर नहीं कर पाने वाली पुलिस ने जिस जल्दबाजी से जितेंद्र पटेल को क्लीन चिट दिया वह बताता है कि आखिर माजरा क्या है। हद तो यह है कि पुलिस ने जेडीयू जिलाध्यक्ष और महिला का मेडिकल टेस्ट करना भी जरूरी नहीं समझा। जितेंद्र पटेल को हिरासत में लिए जाने के बाद अरवल से लेकर राजधानी पटना तक में फोन की घंटियां बजने लगी थी। जेडीयू से जुड़े नेता लगातार थाने में बैठे थे। और यह सबकुछ तब शांत हुआ जब जितेंद्र पटेल थाने से ही घर लौट आए।

Suggested News