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के के पाठक और जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर आमने सामने, के के पाठक ने कहा-विद्यालय खोलो,डीएम ने कहा स्कूल बंद करने का अधिकार है हमें

के के पाठक और जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर आमने सामने, के के पाठक ने कहा-विद्यालय खोलो,डीएम ने कहा स्कूल बंद करने का अधिकार है हमें

पटना- बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव  और पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह बच्चों को छुट्टी देने के मामले में आमने सामने है.बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कुछ जिला के जिलाधिकारियों ने कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यालयों को बंद किया जाना शिक्षा विभाग को नागवार लग रहा है.तीन दिन पहले शिक्षा विभाग ने स्कूलों को खोलने का आदेश जारी किया. कड़ाके की ठंड को देखते हुए पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने कड़क रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग के स्कूल खोलने संबंधी पत्र को गैर कानूनी और अप्रासंगिक बताया . उन्होंने 23 जनवरी तक आठवीं तक के कक्षा को स्थगीत रखने का आदेश दिया है. शिक्षा विभाग ने पटना डीएम के आदेश के बाद एक कड़क चिट्ठी लिख डाली है. इसके बाद साफ हो गया है कि केके पाठक अब अपने स्टैंड को चुनौती देना स्वीकार नहीं करेंगे,  सामने कोई भी हो.माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने  चिट्ठी को लिखा तो पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को है, लेकिन चुनौती सीधे पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के आदेश को दी गई है. पटना की तरह नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने 23 जनवरी तक आठवीं कक्षा तक के पढ़ाई स्थगीत करने का आदेश दिया है.

माध्यमिक शिक्षक निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को कड़क निर्देश दे दिया है. इस चिट्ठी में लिखा गया है कि 'महाशय, उपर्युक्त विषयक जिलाधिकारी पटना के प्रासंगिक पत्र के द्वारा पटना जिला के विद्यालयों को दिनांक 23/01/2024 तक बंद करने का निर्देश दिया गया है. आपको ज्ञात है कि अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के हस्ताक्षर से निर्गत विभागीय पत्रांक 12/गो. दिनांक 20/01/2024 में किसी भी विद्यालय को बंद करने के पूर्व विभागीय अनुमति लेने की आवश्यकता है, जो जिलाधिकारी पटना के द्वारा नहीं लिया गया है. पत्र में आगे लिखा है कि  निर्देशानुसार विभागीय प्रासंगिक पत्र में विहित निदेश का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में आप अपने जिले के सभी विद्यालयों को खुला रखने की कार्रवाई सुनिश्चित करें. पत्र के अनुसार पहली से आठवीं क्लास तक के छात्रों के लिए ठंड और शीत लहर के चलते स्कूल बंद करने के जिलाधिकारी के आदेश को सीधे चुनौती दी गई है. बता दें कि अपर मुख्य सचिव,शिक्षा विभाग केके पाठक के हस्ताक्षर से 20 जनवरी को आदेश दिया गया था, जिसमें किसी भी स्कूल को बंद करने से पूर्व विभागीय अनुमति लेने की बात कही गई है.

वहीं पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षा विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि शीत दिवस की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकुल असर पड़ने की संभावना को देखते  हुए आठवीं तक के कक्षाओं को 23 जनवरी तक बंदकरने का निर्देश दिया गया था. भारतीय दंड विधान की धारा 144 के तहत जिला दंडाधिकारी को प्रदत शक्तियों के तहत दिे आदेसों का उल्लंघन दंडात्मक कार्यकाई के दायरे में आता है.उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है.ऐसे में माध्यमिक शिक्षा निदेश का स्कूल खोलने संबंधी पत्र गैर कानूनी और अप्रासंगिक है.माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में डॉ चंद्रशेखर ने आगे लिखा है कि पटना जिले में शीतदिवस की स्थिति  और कम तापमान के हालात हैं. ऐसे में धारा 144 के तहत जिलाधिकारी के पास कार्रवाई करने के पर्याप्त आधार हैं.इसमें विभागीय अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है. और न हीं इसे किसी गैर न्यायिक आदेश या पत्र से बदला जा सकता है. सिर्फ सक्षम न्यायालय हीं आदेश की  न्यायिक समीक्षा कर सकते हैं. इस प्रकार शिक्षा निदेशक का पत्र विधि विरुद्द है. विभाग चाहे तो विधिक मंतव्य प्राप्त कर सकता है.

बता दें मामला तब शुरू हुआ जब कुछ दिन पहले नालंदा डीएम शशांक शुभंकर ने सर्दी को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी थीं.शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक छुट्टियों से लौटे तो उन्होंने स्कूल बंद करने के आदेशों को रद्द कर दिया. इसके बाद कड़ाके की ठंड को देखते हुए  इसी तरह की छुट्टी बढ़ाने का आदेश पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने दिया. 

बहरहाल एक तरफ जहां बिहार में शीत दिवस के से हालात हैं वहीं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और पटना के डीएम आमने सामने हैं.

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