PATNA : कोरोना संकट में पटना के निजी अस्पताल मरीजों का दोहन-शोषण कर रहे हैं.साथ ही जिला प्रशासन पर ठीकरा भी फोड़ रहे। इस तरह की शिकायत लगातार मिल रही है। कोरोना मरीजों से अधिक पैसे लेना, जांच और इलाज के नाम पर शोषण करना, बेड खाली रहने के बाद भी भर्ती नहीं करना इस तरह की शिकायत लगातार मिल रही है। इसके बाद पटना डीएम ने धावा दल का गठन किया है। पांच सदस्यीय धावा दल शिकायत मिलने पर तुरंत उस अस्पताल में पहुंचेगा और जांच करेगा। जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी। जिलाधिकारी इसकी समीक्षा करेंगे और दोषी अस्पताल प्रबंधन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम व एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत कार्रवाई करेंगे।
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि कुछ निजी अस्पताल कोरोना मरीजों की इलाज के नाम पर निर्धारित दर से अधिक राशि वसूली कर रहे हैं। नगद भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है तथा कई बार कुछ दवाओं एवं ऑक्सीजन सिलेंडर कमी के नाम पर मरीजों को डिस्चार्ज करने की धमकी दी जा रही है।
पत्र में कहा गया है कि कई जगह से ऐसी शिकायत मिल रही है कि कुछ अस्पताल द्वारा गेट पर पर्चा चिपका कर ऑक्सीजन सप्लाई में प्रशासन द्वारा सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। इसे वजह बता कर कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं या अन्य बातें कह रहे। पटना DM ने कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है एवं अस्वीकार्य है। जिला प्रशासन उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए ऑक्सीजन एवं आवश्यक सेवा उपलब्ध करा रहा है। पटना के जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता अरुण कुमार झा के नेतृत्व में धावा दल का गठन किया है उसमें सिविल सर्जन समेत अन्य चार अधिकारी हैं।
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट