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इमरजेंसी को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस को जमकर धोया, कहा - इंदिरा गांधी ने यह सुनिश्चित किया कि दलित नेता जगजीवन राम न बनें देश के प्रधानमंत्री

इमरजेंसी को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस को जमकर धोया, कहा - इंदिरा गांधी ने यह सुनिश्चित किया कि दलित नेता जगजीवन राम न बनें देश के प्रधानमंत्री

NEW DELHI : संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस को जमकर धोया। उन्होंने देशवासियों पर इमरजेंसी थोपने के लिए कांग्रेस की तत्कालिक सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह कभी नहीं चाहती थी कि देश में दलित-पिछड़ों का उनका हक मिले। फिर चाहे वह बाबा साहेब हों या बाबू जगजीवन राम। कांग्रेस ने उन्हें हमेशा किनारे किया। 



पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान के मुद्दे पर भी देशवासियों से हमेशा झूठ बोला है. विनम्रतापूर्वक देशवासियों के सामने सच्चाई रखना चाहता हूं. देशवासियों को भी ये जानना बहुत जरूरी है. इमरजेंसी का ये 50वां वर्ष है. इमरजेंसी सत्ता के लोभ के कारण देश पर थोपा गया तानाशाही शासन था. कांग्रेस ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दी थीं, अपने ही देशवासियों पर क्रूरता का पंजा फैलाया था. सरकारें गिराना, मीडिया को दबाना हर कारनामे संविधान की भावना, संविधान के एक-एक शब्द के खिलाफ थे. 



ये वो लोग हैं जिन्होंने देश के पिछड़ों के साथ, दलितों के साथ घोर अन्याय किया है. इसी कारण से बाबा साहब आंबेडकर ने कांग्रेस की दलित-पिछड़े विरोधी मानसिकता के कारण नेहरूजी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था. उन्होंने पर्दाफाश किया था कि कैसे नेहरूजी ने दलितों-पिछड़ों के साथ अन्याय किया. बाबासाहब ने कैबिनेट से इस्तीफा देते समय जो कारण बताए थे, वह इनकी मानसिकता को दर्शाते हैं।



बाबा साहेब के राजनीतिक जीवन को खत्म करना चाहते थे नेहरु जी

. बाबासाहब ने कहा था कि अनुसूचित जातियों की उपेक्षा के कारण अपने आक्रोश को रोक नहीं सका. नेहरूजी ने बाबासाहब का राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी. पहले षड़यंत्र पूर्वक चुनाव में हरवाया गया. इतना ही नहीं, इस पराजय का जश्न मनाया और खुशी उन्होंने व्यक्त की. एक पत्र में यह लिखित है इस खुशी का. बाबासाहब की तरह ही दलित नेता बाबू जगजीवन राम को भी उनका हक नहीं दिया गया. 



इंदिरा गांधी ने जगजीवन राम को नहीं बनने दिया प्रधानमंत्री

इमरजेंसी के बाद जगजीवन राम के पीएम बनने की संभावना थी. इंदिरा गांधी ने ये पक्का किया कि जगजीवन राम किसी भी कीमत पर पीएम न बने. एक किताब में लिखा है कि अगर बन गए तो वे हटेंगे नहीं. कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह के साथ भी यही व्यवहार किया। पिछड़ों के नेता, कांग्रेस के अध्यक्ष, बिहार के सपूत सीताराम केशरी के साथ भी अपमानित व्यवहार करने का काम इसी कांग्रेस ने किया. कांग्रेस आरक्षण की घोर विरोधी रही है।



नेहरूजी ने तो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर आरक्षण का साफ-साफ विरोध किया था. इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट वर्षों तक ठंडे बस्ते में दबाए रखा था. राजीव गांधी जब विपक्ष में थे, उनका सबसे लंबा भाषण आरक्षण के खिलाफ था जो आज भी संसद के रिकॉर्ड में उपलब्ध है। 




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