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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने से वंचित रहे रमन सिंह ने भाजपा उपाध्यक्ष के पद से दिया इस्तीफा, खुद बताया कुर्सी छोड़ने का कारण

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने से वंचित रहे रमन सिंह ने भाजपा उपाध्यक्ष के पद से दिया इस्तीफा, खुद बताया कुर्सी छोड़ने का कारण

DESK : तीन राज्यों में सत्ती की कुर्सी हासिल करने के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं। वहीं दूसरी तरफ पार्टी में इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है। जिसमें सबसे बड़ा नाम छत्तीसगढ़ में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह का है। जिन्हों भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया है। 

इस्तीफे की यह है वजह

दरअसल, भाजपा ने विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का सीएम बनाया है। वहीं रमन सिंह को विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में वह इस बड़ी जिम्मेदारी संभालने से पहले पार्टी में कोई पद अपने पास नहीं रखना चाहते थे। रमन सिंह ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को संबोधित अपने त्याग पत्र में लिखा, "वर्तमान में, मैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद का निर्वहन कर रहा हूं, लेकिन पार्टी द्वारा मुझे छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए नामित किया गया है. इसलिए, मैं सम्मानपूर्वक भारतीय जनता के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा सौंपता हूं. पार्टी, कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।

अपना नामांकन पत्र जमा करने के बाद रमन सिंह ने कहा, "मैं विधानसभा के समुचित कामकाज को सुनिश्चित करूंगा और छत्तीसगढ़ के कल्याण के लिए सभी मुद्दे उठाए जाएंगे." नामांकन के वक्त छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल भी मौजूद रहे.

इस बीच, वरिष्ठ भाजपा विधायक रामविचार नेताम ने रविवार को नवनिर्वाचित छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली. प्रोटेम स्पीकर नियमित स्पीकर की अनुपस्थिति में सदन के कामकाज के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए सीमित समय के लिए नियुक्त स्पीकर का एक अस्थायी पद है. राज्य की राजधानी में राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने नेताम को पद की शपथ दिलाई।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में मतदान दो चरणों में हुआ था, पहले चरण में 7 नवंबर को 223 उम्मीदवार शामिल हुए थे और दूसरे चरण में 17 नवंबर को 958 उम्मीदवारों ने अपने चुनावी भाग्य का परीक्षण किया था. छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 54 और कांग्रेस को 35 सीटें मिलीं

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