पटना- कुछ नए कानूनी बदलाव के साथ बिहार की नदियों से बालू उत्खनन का काम आज से फिर शुरू कर दिया गया है। बरसात की वजह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मापदंड के अनुसार खनन विभाग ने बालू उत्खनन को लेकर तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया था।
सबसे अधिक 83 बालू घाट पटना में खुलेंगे
तीन महीने बाद राज्य के 502 बालू घाटों से बालू का उठाव शुरू हो गया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार बरसात के तीन महीने नदियों से बालू उत्खनन का काम बंद कर दिया जाता है।अब आज से बालू का उठाव शुरू हो गया है। सबसे अधिक 83 बालू घाट पटना जिला में शुरू होगा।वहीं गया के 82 व औरंगाबाद के 72 घाटों से भी बालू उठाव का काम शुरू जाएगा।
ग्राहकों को सीधे होगा फायदा
बालू उठाव का सीधा असर बालू उपभोक्ताओं को होगा। तीन महीने के प्रतिबंध की वजह से बालू माफियाओं की चांदी हो गयी थी। बालू की कीमत पांच से छह हजार सीएफटी हो गया था वही बालू उठाव की वजह से अब एक सप्ताह के अंदर बालू का भाव प्रति सीएफटी 2 से तीन हजार हो जाएगा। इससे जहां एक तरफ निर्माणधीन भवनों सहित कई प्रोजेक्टों के काम मे तेजी दिखेगा वहीं दूसरी तरफ मजदूरों और कामगारों को रोजगार का अवसर भी बढ़ जाएगा।
धर्मकांटा लगाने की अनिवार्यता समाप्त
गौतलब है कि 502 बालू घाटों में से सिर्फ 145 पर ही धर्मकांटा लगा है। लेकिन बालू उत्खनन करने वाले जिलों को जिला में एक धर्मकांटा लगाना अनिवार्य है। फिलहाल ट्रैक्टरों को धर्मकांटा की अनिवार्यता से अलग रखा गया है। उत्तर बिहार में सफेद बालू के लिये भी धर्मकांटा की अनिवार्यता को समाप्त किया गया है।