पटना/दिल्ली. अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालने के लिए विपक्षी सांसदों का निलंबन करके लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। संसद से 141 सांसदों के निलंबन के बाद मंगलवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री और केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग रहे हैं. यही कारण है कि विपक्षी सदस्य जब संसद की सुरक्षा में सेंधमारी का सवाल उठा रहे हैं तो उस पर जवाब देने के बदले सांसदों को निलंबित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य एक ही मांग कर रहे हैं कि देश के गृह मंत्री (अमित शाह) जो लोकसभा के सदस्य भी हैं वह सदन में आकर बात रखें. संसद के प्रति सरकार उत्तरदायित्व होती है. लेकिन यह उनके लोकतंत्र की परिभाषा है कि जब विपक्ष गृह मंत्री से आने की मांग करता है तो सदस्यों को निलंबित कर दिया जा रहा है. वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. ललन सिंह ने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, लेकिन सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है.
विपक्ष पर सदन के कामकाज में बाधा डालने के सत्ता पक्ष के आरोप पर ललन ने कहा कि जब तक संसद पर हमला नहीं हुआ यानी कि दो लोग संसद में नहीं घुसे थे तब तक नियमित रूप से संसद चला. सबने सहयोग किया लेकिन जब यह घटना घटी तो देश के गृह मंत्री को पूरे मामले में आकर बताना चाहिए लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें सामने आई हैं कि काफी दिनों से यह षड्यंत्र हो रहा था. तो गृह मंत्री को बताना चाहिए. इस देश में आईबी है, रॉ है उनकी रिपोर्ट पर सदन में गृह मंत्री बताना चाहिए.
ललन सिंह ने कहा कि भाजपा के जिस सांसद की अनुशंसा पर दोनों युवक संसद में आए उस सांसद से पूछताछ होनी चाहिए. लेकिन अपने कर्मों और कुकृत्यों पर पर्दा डालने के लिए विपक्षी सांसदों का निलंबित कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. गौरतलब है कि पहले दिन 14 सांसदों को निलंबित किया गया था. उसके बाद सोमवार को 78 और मंगलवार को 49 सांसदों को निलंबित किया गया. इस प्रकार 141 सांसदों को अब तक निलंबित किया जा चुका है. इसी को लेकर ललन सिंह ने भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालने के लिए विपक्षी सांसदों का निलंबन करके लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.